कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र (Ramgarh Police Station) में बीएमपी 14 के जवान रणविजय सिंह की वाराणसी में अंत्येष्टि कर दी गई. हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई थी. दरअसल, सरकार के द्वारा अग्निपथ स्कीम के विरोध प्रदर्शन के बाद एमपी कॉलेज में कैंप लगाया गया था. जहां करीब डेढ़ सप्ताह से रेल की सुरक्षा के साथ विशेष जांच अभियान में वो तैनात थे. उसी समय ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद सहयोगी पुलिस कर्मियों ने उनको अनुमंडलीय अस्पताल मोहनियां पहुंचाया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मृतक जवान रणविजय सिंह के पिता स्व. श्यामनारायण सिंह भी बीएमपी के ही जवान थे. ड्यूटी के समय ही सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. उन्हीं के स्थान पर बेटे रणविजय सिंह की नौकरी हुई थी. वहीं मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी (मुख्यालय) साकेत कुमार ने बताया कि बीएमपी 14 के जवान की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने से मौत हुई है. जवान को अंतिम विदाई दी गई. उनको नगर थाना में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.तबीयत बिगड़ने के बाद बीएमपी जवान की मौत: बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान हुए उपद्रव के कारण बीएमपी जवानों की कंपनी बुलाकर एमपी कॉलेज में ड्यूटी लगाई गई थी. करीब दस से पंद्रह दिनों से रेल की सुरक्षा के साथ-साथ विशेष जांच अभियान में इन जवानों की तैनाती हुई थी. इसी बीच ड्यूटी के समय ही जवान रणविजय की तबीयत अचानक बिगड़ गई. उसके बाद सहयोगी पुलिसकर्मियों ने उनको नजदीकी अनुमंडलीय अस्पताल मोहनियां में भर्ती कराया लेकिन इलाज से पहले ही चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
गांव में मातम का माहौल: इस घटना की खबर सुनते ही मृतक जवान के डहरक गांव में मातम पसर गया. पत्नी और बेटे समेत परिवार के सभी सदस्य आनन-फानन में मोहनियां अस्पताल पहुंचे. वहां परिजनों ने जवान के शव को देखा तो पूरे अस्पताल में भी चीख पुकार मच गई. मृतक जवान के बड़े बेटे निखिल सिंह भी बिहार पुलिस में तैनात हैं. वो अपने पिता की अंत्येष्टि के लिए वाराणसी लेकर गये. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया है.