बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. बिहार पुलिस की एसआईटी की पूछताछ में आरोपी अतहर परवेज और मो. जलालुद्दीन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने एसआईटी को बताया कि अब तक वे बिहार के 15 हजार से ज्यादा युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे चुके हैं.
पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले आक्रोशित युवाओं का चयन किया. इस कड़ी में राज्य के 15 जिलों में कैंप ऑफिस खोला गया. पूर्णिया में पीएफआई का हेडक्वार्टर बनाया गया. पूर्णिया को इसलिए हेडक्वार्टर के रूप में इसलिए चुना गया, क्योंकि सीमांचल से आने वाले युवाओं की संख्या संगठन में ज्यादा बताई जा रही है.
दोनों आरोपियों ने एसआईटी के सामने माना कि ट्रेनिंग देने के लिए बेरोजगार और अनपढ़ युवाओं को वे टारगेट करते थे. अपने संगठन से जोड़ने के लिए उनका ब्रेनबॉश करते थे. उन्हें कई तरह की बातें बताई जाती थीं. इसके बाद वो ट्रेनिंग के लिए तैयार होते थे.
पुलिस के हाथ अहम सबूत
बता दें कि फुलवारी शरीफ के नया टोला से 11 जुलाई को पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मो. जलालुद्दीन को अपनी गिरफ्त में लिया था. शुरुआती पूछताछ के बाद 13 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया. पूछताछ के लिए 16 जुलाई को उन्हें पुलिस रिमांड पर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपियों से एसआईटी ने अलग-अलग पूछताछ की. जब दोनों के बयान अलग-अलग मिले, तो उन्हें आमने-सामने बैठाया गया. पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बरगलाने की भी कोशिश की. इस बीच पूर्णिया हेडक्वार्टर पर पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन दफ्तर वहां बंद मिला. वहां आने वाले लोगों के नाम का रजिस्टर पुलिस के हाथ लगा है. जिसपर मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. सभी नंबरों को खंगाला जा रहा है.
रिमांड पर लिए गए दोनों शख्स से PFI की फंडिंग को लेकर सवाल पूछे गए. उनसे पूछा गया कि कब किसने और कितने रुपए दिए? PFI के बैंक अकाउंट में करीब 90 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन का सबूत मिला है. आशंका जताई जा रही है कि हवाला के जरिए PFI को रुपयों की फंडिंग की जाती थी.