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बिहार। अररिया के फारबिसगंज पुलिस ने पटना पुलिस के सहयोग से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपित को मंगलवार को गिरफ्तार किया है. आरोपित ने फारबिसगंज के दो छात्रों से पटना कोर्ट में आदेशपाल की नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी की है. आरोपित की पहचान संतोष कुमार पिता अंबिका यादव कल्याणपुर थाना, जिला जमुई निवासी के रूप में की गयी है.
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फारबिसगंज के दो छात्रों से 30 लाख रुपये की ठगी के आरोपी को फारबिसगंज पुलिस ने पटना की बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस के सहयोग से पटना के बोरिंग कैनाल रोड के समीप से गिरफ्तार कर लिया. मामले में गिरफ्तार आरोपी का नाम संतोष कुमार पिता स्व अंबिका यादव कल्याणपुर थाना जिला जमुई का निवासी बताया जाता है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपी पटना के बोरिंग कैनाल रोड में फास्ट फूड की दुकान का संचालन करता है व इसी प्रकार उसके गैंग के द्वारा भोले-भाले लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जाता है.
इधर ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपी से आदर्श थाना फारबिसगंज में थानाध्यक्ष मो आफताब अहमद, कांड के अनुसंधानकर्ता अमित कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने गहन पूछताछ के बाद दर्ज कांड संख्या 177/23 में न्यायिक हिरासत में अररिया जेल भेज दिया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि फारबिसगंज थाना क्षेत्र के महेशमुरी वार्ड संख्या 08 निवासी डोमी साह पिता बुद्धन साह ने थाना में लिखित आवेदन दे कर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगी कर लिये जाने से संदर्भित प्राथमिकी दर्ज कराया था. इनमें कुल 09 लोगों को आरोपी बनाया था. दर्ज प्राथमिकी में पप्पू कुमार पासवान पिता गणेश पासवान, गणेश पासवान पिता नामालूम गराई सराय थाना हाजीपुर निवासी, मोहन गुप्ता पिता सिंहेश्वर गुप्ता फुलहट्टा वार्ड संख्या 04 परिहार थाना बेला सीतामढ़ी, विकास पासवान पिता नामालूम नेशनल अंगार कटराश धनबाद झारखंड, संतोष कुमार पिता स्वर्गीय अंबिका यादव ग्राम कल्याणपुर जमुई निवासी व रजनी देवी, गीता देवी, बीके मिश्रा को आरोपी बनाया था.
दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित वादी डोमी साह ने बताया है कि उनके पुत्र व भतीजा सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा का तैयारी कर रहे थे. इसी क्रम में आरोपी पप्पू कुमार पासवान, गणेश पासवान फारबिसगंज आया व पटना व्यवहार न्यायालय में सीधे आदेश पाल के पद पर बहाली व नियुक्ति का विश्वास दिलाया. उसने फार्म भरवाया व 30 लाख रुपये देने की बात कह कर चला गया. दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित ने आगे कहा है कि कुछ दिन बाद उक्त दोनों आरोपी अन्य आरोपी मोहन गुप्ता, विकास पासवान संतोष कुमार को ले कर फारबिसगंज पहुंचे और तीनों ने नेपाल घूमने आने की बातें कहीं. यही नहीं पीड़ित ने दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि उक्त तीनों आरोपी ने भी नौकरी दिलाने की बातें कही व रुपये जमा करने को कहा. पीड़ित ने दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि उन्होंने व उनके पुत्र, भतीजे व पत्नी ने आरोपियों के अलग-अलग बैंक खाता में 30 लाख रुपए दिए. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद थानाध्यक्ष मो आफताब अहमद के नेतृत्व में कांड के अनुसंधानकर्ता अमित कुमार ने उक्त कांड का वैज्ञानिक व तकनीकी तरीके से अनुसंधान प्रारंभ किया व थानाध्यक्ष के नेतृत्व में ही एक टीम बना कर पटना पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर कांड के एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया.
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