बिहार

गलत लोगों के नाम पर जॉब कार्ड खोलकर लाखों की सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा

Admindelhi1
23 March 2024 4:54 AM GMT
गलत लोगों के नाम पर जॉब कार्ड खोलकर लाखों की सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा
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निगरानी करेगी मनरेगा जॉब कार्ड घोटाले की जांच

रोहतास: मनरेगा योजना को गरीब-मजदूरों को आजीविका देने के बाजए मु्िखया ने अन्य लोगों के साथ मिलकर गलत लोगों के नाम पर जॉब कार्ड खोलकर लाखों की सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा किया है. वैसे लोगों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर राशि की निकासी कर ली गई है, जिन्होंने कभी कोई मजदूरी की ही नहीं. इसमें कुछ एक लोग दुकान चलाते हैं, तो कुछ का अपना व्यवसाय है. यह मामला पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया थाना क्षेत्र के राज चुहड़ी नामक के ग्राम पंचायत से जुड़ा है.

इस पूरे मामले की शुरुआती जांच में गड़बड़ी सामने आने पर निगरानी ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर आगे की सघन जांच शुरू कर दी है. एफआईआर में मुखिया समेत 8 लोगों को नामजद और अन्य अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. इसकी जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ेगा, इसकी जद में जिला से लेकर मुख्यालय स्तर तक के पदाधिकारी आ सकते हैं. फिलहाल जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस मामले में हाईकोर्ट के स्तर से फरवरी 2024 को आदेश जारी करते हुए पूरे मामले की जांच निगरानी से कराने को कहा गया था. अब तक की जांच में फर्जी तरीके से लाखों रुपये की निकासी गलत लोगों के नाम पर होने की बात साबित हुई है. आगे की जांच में यह राशि बढ़ेगी. अभी जांच 2021 से 2023 के बीच की निकासी को लेकर चल रही है.

मनरेगा में किए गए इस फर्जीवाड़े में ग्रामीण इलाकों में पईन के जीर्णोद्धार और उड़ाही के नाम पर फर्जी एस्टीमेट बनाई गई और संबंधित अभियंता ने तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी. इस तरह से राशि की अवैध निकासी की गई.

मुखिया ने करीबियों के नाम पर जॉब कार्ड बनाया था

राज चुहड़ी पंचायत के मुखिया प्रभात कुमार ने अपने बड़े भाई पिनाकी, भतीजा रोहित, भगिना शुभम, भाभी पूनम देवी समेत अन्य रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी तरीके से मनरेगा का जॉब कार्ड बना दिया है. शुभम तो दूसरी पंचायत का रहने वाला है. चुहड़ी बाजार में हार्डवेयर दुकानदार राहुल, मोबाइल दुकानदार अजीत, खैनी दुकानदार रंजीत व उनकी पत्नी पुष्पा देवी, खाद दुकानदार कुंदन समेत कई जानने वाले लोगों के नाम से मनरेगा में जॉब कार्ड खोल दिया गया. बिना कहीं काम किए कागजी एस्टीमेट बनाकर इसे पास कराया गया और राशि आवंटित कर दी गई. मुखिया के भतीजा रोहित का कपड़े की दुकान है. परमजीत जैसे कुछ लोगों के नाम से मौजूद बैंक खातों में मनरेगा की राशि मुखिया के भाई, भतीजा और भगिना ने मंगवा ली थी.

एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है. इसमें जिस-जिस स्तर के पदाधिकारी और कर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आलोक राज (डीजी, निगरानी ब्यूरो)

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