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बिहार के शातिर नामों की सूची में एक नाम हाल फिलहाल चर्चा में है। अभिषेक अग्रवाल। नाम पर मत जाइए। इसके कारनामे ऐसे की DGP एसके सिंघल की बोलती बंद हो गई थी। इसने अपनी आवाज से एक IPS को जीवनदान दिला दिया। मगर पुलिस तो पुलिस होती है। बिहार पुलिस महानिदेशक को ये बात हजम नहीं हुई। उन्होंने इसकी खोजबीन करने की ठान ली। आर्थिक अपराध इकाई यानी EOU ने इस शातिर को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद इसके साथ कई आईपीएस अधिकारियों की तस्वीर वायरल हुई। ताजा मामला अभिषेक अग्रवाल के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तस्वीर की है। जिसके सामने आने के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
नीतीश कुमार के साथ तस्वीर वायरल
राजधानी पटना में एक साधारण सी दुकान चलाने वाला अभिषेक इन दिनों चर्चा में है। हालांकि, इसे आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार कर लिया है। फिर भी इसकी चर्चा सोशल मीडिया के अलावा खबरों में लगातार हो रही है। ताजा चर्चा अभिषेक की एक तस्वीर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सामने आने के बाद शुरू हुई है। हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी से जज बनकर बातचीत करने वाले इस शख्स को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया, तब सीएम ने कहा था कि-
चर्चाओं का बाजार गरम
अब सोशल मीडिया और खबरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अभिषेक अग्रवाल की एक तस्वीर तैर रही है। तस्वीर वायरल है। उसके बाद कहा जा रहा है कि क्या अभिषेक अग्रवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी जुड़ा हुआ था? तस्वीर ठंड के दिनों की बताई जा रही है। सीएम नीतीश किसी मौके पर आम लोगों से मिल रहे हैं। उसी दौरान अभिषेक अग्रवाल उनके हाथ को अपने हाथों में लेकर प्रणाम कर रहा है। तस्वीर मुख्यमंत्री आवास पर ली गई है। मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मी भी पास में ही खड़े हैं। मुख्यमंत्री तस्वीर में मुस्कुरा रहे हैं। तस्वीर में अभिषेक अग्रवाल मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए भी दिख रहा है। ये तस्वीर अभिषेक अपने फेसबुक एकाउंट पर भी पोस्ट कर चुका है। तस्वीर सामने आने के बाद चर्चाओं का बाजार गरम है।
बीजेपी ने उठाया था सवाल
अभिषेक अग्रवाल मामले को लेकर बीजेपी पहले से सवाल खड़ा करती रही है। बीजेपी ने घटना के बाद राज्य सरकार की जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया था। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री की भूमिका संदेह के घेरे में है। सम्राट चौधरी ने ये भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए थी। बीजेपी नेताओं ने़ डीजीपी को बेचारा कहे जाने के बाद साफ कहा था कि आखिर सीएम डीजीपी को क्यों बचाना चाहते हैं?
कौन है अभिषेक अग्रवाल
अभिषेक अग्रवाल एक फ्रॉड है, जो जज बनकर डीजीपी को फोन करता था। आर्थिक अपराध इकाई ने इसे गिरफ्तार कर लिया है। अभिषेक अग्रवाल के पास से एजेंसी ने नौ मोबाइल सिम और दर्जनों मोबाइल बरामद किया था। मोबाइल की फॉरेंसिक में ये आरोप सही पाया गया था कि वो लगातार डीजीपी को गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए फोन करता था। जिस आईपीएस अफसर को बचाने के लिए इसने फोन किया था उसे 24 घंटे में ही क्लीनचिट मिल गई थी। आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ शराब के एक मामले में केस दर्ज हुआ था। उन पर भूमाफिया से सांठगांठ के भी आरोप थे। उसी को बचाने के लिए अभिषेक फोन करता था। अभिषेक अग्रवाल के कई आईपीएस अधिकारियों के साथ फोटो वायरल हो चुका है।
Admin4
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