नालंदा: जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर जिले में पखवारा चलाया गया था. इस दौरान लोगों को स्थाई व अस्थाई साधनों की सुविधा दी गयी. इसकी उपलब्धि काफी चौंकाने वाली है. सर्वे में यह खुलासा हुआ कि शहरी आबादी अब भी परिवार नियोजन के साधनों के उपयोग के प्रति उदासीन है. वहीं ग्रामीणों में पहले की अपेक्षाजागरूकता बढ़ी है.
इस बार पुरुषों ने भी बढ़कर इसमें शिरकत की है. इस दौरान एक भी शहरी बाबुओं ने नसबंदी नहीं करायी, न ही शहरों में रहने वाली महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. दोनों ही क्षेत्रों में शहरवासी जीरो पर आउट हुए. वहीं ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ने से इस बार 15 पुरुषों ने नसबंदी तो 622 महिलाओं ने बंध्याकरण कराए. इसी तरह, निरोध, छाया, अंतरा, कॉपर-टी व अन्य अस्थाई साधनों के उपयोग में भी ग्रामीणों की काफी उपलब्धि रही है. इसमें ग्रामीण इलाकों में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई है. वहीं डॉ. सुपर्णा टाट, भावना प्रिया, शिवेंद्र कुमार व अन्य ने लोगों को जागरूक कर परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया. डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि इस बार पखवारा में जिले की उपलब्धि काफी अच्छी रही है.
सभी हेलीपैड को रखें क्रियाशील
लोकसभा चुनाव को लेकर डीएम शशांक शुंभकर ने निर्वाचन कोषांग व सीएपीएफ कोषांग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि निर्वाचन कोषांग से संबंधित सभी पत्रों को शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. साथ ही, सभी पत्रों का फॉलोअप भी करें. भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को आदेश दिया गया कि जिले के सभी हेलीपैड को क्रियाशील रखें. मतदान केंद्रों की सूची राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने को कहा गया. बूथ लेवल एजेंट के साथ बैठक करने को कहा गया.
फोर्स के रहने के लिए हर प्रखंड में दो स्थलों का चयन करने को कहा गया. उक्त स्थल पर कमरा, शौचालय, पीने का पानी, किचेन, बिजली, बैरक, स्टोर रूम, वाहन व महिला फोर्स के लिए अलग व्यवस्था करने का आदेश दिया गया.