छात्रसंघ का पूर्व नेता दिल्ली के व्यापारी से सोना लूट में गिरफ्तार
पटना: कोतवाली थाने के डाकबंगला चौराहा पर सात को दिनदहाड़े साढ़े पांच किलो सोना लूटकांड में एसआईटी को पहली सफलता मिली है. घटना में शामिल अली रजा हाशमी को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया.
वह छात्रसंघ का पूर्व नेता रहा है. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पकड़ा गया आरोपित भी लूटकांड की साजिश में शामिल था. अली रजा मूल रूप से वैशाली के गोरौल थानांतर्गत खाजेचांद का है. पटना में वह पीरबहोर थाना इलाके के रमना रोड स्थित एक लॉज में किराये पर रहता था. इसी जगह उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची. आरोपित के पास से तीन बाइक, जिसमें एक चोरी की है, एक मोबाइल व दो हेलमेट पुलिस ने बरामद किया. घटना में शामिल पांच में तीन आरोपित छात्र राजनीति से जुड़े हैं जबकि दो पेशेवर अपराधी हैं.
आरोपितों में एक पर हत्या जबकि दूसरे पर सड़क जाम और प्रदर्शन से संबंधित केस दर्ज है. डीएसपी विधि व्यवस्था कृष्ण मुरारी प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस इन पांच आरोपितों की तलाश मंप अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है. सभी पटना के बाहर के रहने वाले हैं.
फरार आरोपितों के पास है लूट का सोना पुलिस ने जब पकड़े गये आरोपित से पूछताछ की तो पता चला कि लूट के अन्य आरोपितों के पास ही सोना है. उनके पकड़े जाने के बाद ही लूटे गये सोने की बरामदगी होगी.
बिरयानी खाई फिर रेकी करने निकले अपराधी
आरोपितों ने पहले सोना लूट की साजिश रचने के बाद चिकेन बिरयानी खाई फिर रेकी करने फ्रेजर रोड स्थित होटल गली की ओर निकल गये. सूत्रों की मानें तो पुलिस के हाथ बिरयानी का बिल भी लगा है. पार्टी छह को रमना रोड स्थित अली रजा हाशमी के किराये के कमरे में हुई थी. उसी रोज आरोपितों ने दिल्ली के व्यवसायी अंसार अली और उनके होटल की रेकी की थी. अपराधियों को पता था कि व्यवसायी किस समय होटल से निकलते हैं.
सभी घात लगाये बैठे थे
लिहाजा सुबह से ही सभी घात लगाये बैठे थे. आरोपितों ने सड़क के दोनों ओर बाइक लगाई थी ताकि भागने में परेशानी न हो. हालांकि एक ओर का रास्ता खाली देख अपराधियों ने दूसरी तरफ लगी बाइक को वहीं छोड़ दिया. उसी बाइक को लेने घटना के थोड़ी देर बाद अली पहुंचा था, जिसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो गई. अब तक की तफ्तीश में यह पता चला कि पीयू में होने वाली छात्र राजनीति के दौरान अली के कई साथी प्रदर्शन और सड़क जाम के आरोप में जेल गये थे.
अब भी उठ रहे सवाल
1. आखिर इस घटना का लाइनर कौन है? किसने अपराधियों को बताया कि दिल्ली के व्यवसायी पटना में ठहरे हैं और उनके पास भारी मात्रा में सोना है?
2. लूट का सोना अब तक क्यों नहीं बरामद नहीं हो सका? क्या अब तक लुटेरों ने उसे बेच दिया या वह अपराधियों के पास ही है?