बिहार
सिमरी बख्तियारपुर में आईआरसीटीसी टिकट में फर्जीवाड़ा, दलालों की चांदी
Shantanu Roy
21 Nov 2022 6:05 PM GMT
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सहरसा। आईआरसीटीसी द्वारा आम लोगो को रिजर्वेशन टिकट बनाने की सुविधा देने के लिए आम लोग अपना आईडी बनाकर टिकट बनाकर यात्रा करते है। लेकिन जिले के सिमरी बख्तियारपुर में आईआरसीटीसी टिकट बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। आम लोगो को वेटिंग टिकट बनाकर उसे एडिट करके उनसे मनमाना रुपए वसूला जा रहा है। वैसे तो सिमरी बख्तियारपुर में ये गोरखधंधा कई वर्षो से जारी है।लेकिन रेलवे की लापरवाही के कारण आम लोग इस तथाकथित एजेंट से फर्जीवाड़ा का शिकार हो रहा है। यही कारण है कि निजी आईडी पर टिकट बनाकर टिकट मूल्य से दोगुना राशि वसूला जा रहा है। सिमरी बख्तियारपुर के स्टेशन चौक पर रहने वाले ललन गुप्ता एवं एस कुमार 20 नवंबर रविवार को सिमरी बख्तियारपुर से आदर्शनगर के बीच चलने वाली 15279 पुरबिया एक्सप्रेस के 3 एसी में एक टिकट स्टेशन चौक के समीप एक एजेंट से बनाया। टिकट की बुकिंग 19 नवंबर को 13:40 बजे बुक कराया। आईआरसीटीसी द्वारा उक्त तथाकथित एजेंट ने उक्त दोनों को टिकट का पर्ची दिया। उक्त टिकट का पीएनआर नंबर 651191 9478 था। उस समय करंट स्टेटस ललन कुमार का बोगी नंबर बी 3 सीट नंबर 15 साइड लोअर एवं एस कुमार का बी 3, सीट नंबर 16 साइड ऊपर दिया गया। 19 नवबर को ही यात्री द्वारा खुद इंटरनेट पर पीएनआर का चेक किया।
उनका माथा ठनक गया। जो कन्फर्म टिकट का स्लिप उनके हाथ में था वो टिकट वेटिंग ललन गुप्ता 4 एवं एस कुमार 5 बता रहा था। इसके बाद इस मामले में हंगामा मच गया। जब ललन गुप्ता उक्त तथाकथित एजेंट को खोजने गया तो वे गायब हो गया। उक्त दोनों यात्री का टिकट वेटिंग रहने के कारण एक यात्री एस कुमार ने यात्रा रद्द कर दिया। रविवार को जब 15279 पुरबिया ट्रेन के चार्ट निकला तो ललन कुमार का आरएसी बी 6 सीट नम्बर 39 दिया गया। हालांकि यात्री ललन गुप्ता आरएसी पर दिल्ली चला गया। स्थानीय लोगो का कहना है की सिमरी बख्तियारपुर में आईआरसीटीसी टिकट में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नही है। कई इस तरह के एजेंट है जो तत्काल टिकट निकालने के लिए कई लोगो के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर तत्काल टिकट बना कर आमलोगों से टिकट मूल्य से दो से ढाई गुना रुपए का वसूली करता है। लॉकडाउन के समय सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन से हाई स्कूल जाने वाले सड़क में एक दलाल द्वारा रेलकर्मियो से मिलकर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर टिकट को एडिट कर जमकर कमाया। अब भी उसी एजेंट द्वारा लगातार इस तरह का गोरखधंधा किया जा रहा है। बताया जा रहा है इस गोरखधंधा में कुछ रेलवेकर्मी भी शामिल हैं।
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