रोहतास न्यूज़: कोचस प्रखंड के कपसियां गांव के बधार में स्थित पीपल के वृक्ष काटने को लेकर बुधवार को वन विभाग की टीम ने स्थल का जांच किया. टीम का नेतृत्व विभाग के रेंजर रौशन राज ने किया.
उन्होंने बताया कि कपसियां निवासी जामवंत सिंह के आवेदन के आलोक में यह जांच की गई. आवेदन में कहा गया है कि गांव के कई लोगों द्वारा पीपल के काफी पुराने वृक्ष को काटकर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई गई है. ग्रामीण पीपल वृक्ष में शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करते थे. विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर उक्त वृक्ष की पूजा की जाती थी. सड़क किनारे स्थित उक्त वृक्ष की छांव में किसान व राहगीर बैठकर आराम करते थे. पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. वृक्षों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए वन विभाग की जिम्मेवारी है. रेंजर ने बताया कि आवेदक द्वारा लगाए गए आरोप जांच के दौरान सत्य पाए गए.
जिसके आलोक में डीएफओ को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. वृक्ष काटने वालों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
धान के बिचड़े डालने की तैयारी में किसान
प्रखंड क्षेत्र के किसान कृषि कार्य की तैयारी में जुट गए हैं. धान के बिचड़े डालने का काम तेजी से चल रहा है. लोग अपने खेतों में डीजल पंप व समरसेबल से पानी भर रहे हैं. खेतों की सफाई की जा रही है. कई किसान डीजल पंप से धान के बिचड़े पूर्व में डाले हैं. जबकि पहाड़ी वाले इलाकों में दुर्गावती जलाशय परियोजना से पानी नहीं मिलने के कारण किसान बिचड़े नहीं डाल सके थे.
किसानों ने कहा कि भूमि पूजन, वाहन व कुल देवी देवताओं की पूजा हो गई है. आद्रा नक्षत्र के पहले तीन दिनों तक बिचड़ा डाल शुभ नहीं माना जाता है. किसानों ने कहा कि बिजली की लचर व्यवस्था के कारण भी धान के बिचड़े पहले नहीं डाल सके हैं.
कहा कि बिजली मिलती तो बिचड़े तैयार हो गए होते.