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मधेपुरा : बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले बाढ़ प्रभावित हो गये हैं। इसी बीच मधेपुरा में भी बाढ़ ने दस्तक दे दी है। कुछ महीने पहले ही मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 20 गुलजारबाग से महादलित समाज के 40 परिवारों के 300 लोगों को विस्थापित कर जिला प्रशासन ने सुखासन में नदी किनारे जमीन आवांटित कर बसाया था और आज ये लोग नदी में उफान की वजह से सड़कों पर आ गये हैं।
हालांकि नदी के किनारे पर बसाये जाने को लेकर लोगों ने उस समय विरोध भी किया था लेकिन प्रशासनिक आदेश के आगे इनकी एक न चली थी। लोगों का आरोप है कि जब से ये लोग यहाँ बसाये गए हैं तब से अब तक किसी ने भी इनकी सुध नहीं ली। चाहे तपतपाती गर्मी हो या कपकपाती ठंढ या फिर बाढ़। अब तक न तो कोई प्रशासनिक मदद ही इन्हें मिल पाई है और ना ही किसी प्रतिनिधि ने ही इनकी सुध ली है।
पीड़ितों ने बताया कि नदी का जलस्तर पिछले 4-5 दिन से बढ़ रहा था लेकिन शनिवार की रात में अचानक से पानी इनके घरों में घुस गया और घर में रखा सारा सामान डूबने लगा। किसी तरह ये लोग जान बचाकर घर का इक्का दुक्का सामान लेकर वहाँ से भागे और रात से ही सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। रात में ही अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी लेकिन उन्हें देखने तक कोई नहीं आया। वे लोग पूरी रात से ही यहां भूखे-प्यासे रह रहे हैं।
हालांकि रविवार को जिले के कुछ वरीय अधिकारी पहुँचे हैं लेकिन न तो इन्हें कुछ भी खाने को दिया गया और न ही पीने को पानी ही नसीब हो पाया है। वही मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी योगेंद्र दास ने बताया कि पीड़ितों को यहाँ से रैन बसेरा में शिफ्ट करने की व्यवस्था की गयी है। पानी कम होने के बाद आगे की व्यवस्था की जायेगी।
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