सिवान: सरयू नदी का जलस्तर घटने के बावजूद बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानी खत्म नहीं हो पाई हैं. बाढ़ प्रभावित बलुआ पंचायत के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग अभी भी आवागमन के साथ-साथ दैनिक कार्य करने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
प्रभावित लोगों को घर गृहस्थी से जुड़े कार्यों को लेकर नाव के सहारे ही आवाजाही करने की विवशता बनी हुई है. बताया जाता है कि लगभग एक महीने में बलुआ, ग्यासपुर, मैरीटार, तीरबलुआ, पांडेयपार, नरौली, दरौली, दुब्बा, अमरपुर, केवटलिया के लोग एक महीने से बाढ़ प्रभावित हैं. बावजूद इनको अभी तक किसी भी तरह की सरकारी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई हैं. यहां तक की स्थानीय प्रशासन ने भी इनको मदद करना मुनासिब नहीं समझा है. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर गांव के चारों तरफ पानी जमा हो जाता है. लेकिन अभी तक किसी भी तरह की सहायता मिलना तो दूर कोई अधिकारी अब तक गांव की स्थिति देखने तक नहीं आया.
ग्रामीणों में इस बात का आक्रोश है कि हर साल सरयू नदी में आने वाले बाढ़ की विभीषिका में उनका सब कुछ बर्बाद हो जाता है, बावजूद उनको कोई पूछने वाला नहीं.
ग्रामीणों को बाढ़ से हुआ है काफी नुकसान
सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से जहां दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में पानी भर गया है. जिसमें ग्यासपुर, तीरबलुआ, बलुआ, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर, गोहरुआ, बिहारी गांव में सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी फसलों में बाढ़ का पानी घुसने से काफी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों का कहना था कि इस दौरान शौच, पीने का पानी, पशुओं का चारा लाने में भी काफी दिक्कत हो रही है. सरकार से लोगों को मदद की उम्मीद है.