बिहार

बिहार के कई क्षेत्रों में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त, खतरे के निशान के ऊपर बह रही गंडक

Renuka Sahu
31 Aug 2022 5:54 AM GMT
Flood disrupted life in many areas of Bihar, Gandak flowing above the danger mark
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फाइल फोटो 

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक के बाद गंडक नदी भी खतरे के निशान को पार कर गयी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक के बाद गंडक नदी भी खतरे के निशान को पार कर गयी। गंडक नदी बीती रात गोपालगंज में लाल निशान के ऊपर पहुंच गयी। यहां नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। उधर, गंगा का जलस्तर पूरे प्रदेश में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। यूपी, मध्यप्रदेश में जबरदस्त बारिश के बाद नदी में उफान है। कोसी और बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर पहले से बढ़ रहा है। कोसी सुपोल के अलावा खगड़िया और कटिहार में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बूढ़ी गंडक खगड़िया में लाल निशान के ऊपर है। इन सभी स्थानों पर नदियां लगातार बढ़ रही हैं।

तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
गंगा नदी पटना के दीघा, गांधी घाट व हाथीदह के अलावा कहलगांव और फरक्का में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।। पिछले 24 घंटे में यहां नदी का जलस्तर 11 सेमी बढ़ा है। गंगा नदी इलाहाबाद और वाराणसी में भी पहले ही लाल निशान के ऊपर बह रही है। गंगा का जलस्तर सभी स्थानों पर तेजी से बढ़ रहा है।
लाल निशान के ऊपर चल रही बिहार की अन्य नदियां
जल संसाधन विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटे में कमला बलान, बागमती अधवारा नदियों के भी खतरे के निशान से ऊपर जाने की संभावना है। कमला मधुबनी में जबकि बागमती अधवारा सीतामढ़ी और शिवहर में लाल निशान को पार कर सकती है। इसी तरह गंडक नदी गोपालगंज के बाद मुजफ्फरपुर में एक-दो दिनों में लाल निशान को पार सकती है। वहीं सारण में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे गंगा नदी के आस पास रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ गई हैं। अंबिका भवानी मंदिर के दक्षिणी घाट पर गंगा के पानी में काफी वृद्धि हुई है और यह पानी प्रसाद की दुकानों की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। इतना ही नहीं आमी में बना नमामि गंगा घाट भी बाढ़ के पानी में डूब गया है।
भोजपुर : गांवों में घुस रहा पानी
गंगा व सोन में उफान से भोजपुर के निचले इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ीं हुई हैं। भोजपुर के बड़हरा प्रखंड की गंगा व कोईलवर की सोन नदियों में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से उफान जारी है। इससे बड़हरा व आरा सदर प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। इससे इन इलाकों के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पानी गांवों में भी घुसने लगा है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
भागलपुर: शहर में चल रही नाव
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से शहर के उत्तरी हिस्से में नाव चलने लगी है। शंकरपुर, दारापुर दियारा के बाढ प्रभावित परिवार घर के जरूरी सामान और मवेशियों को लेकर शहर की ओर नाव से आने लगे हैं। यूनिवर्सिटी से लेकर सबौर तक शहर के सटे हिस्सों में प्रभावित परिवार के लोग अस्थायी रूप से टेंट बनाकर रहने लगे हैं। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों को बुनियादी सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाढ़ का पानी यूनिवर्सिटी के पीछे फैलता जा रहा है।
दियरांचल : आवासीय क्षेत्रों में घुसा बाढ़ का पानी
गंगा में उफान जारी रहने से दियारांचल में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही है। मोहनपुर प्रखंड में बाढ़ से हाजीपुर- बाजिदपुर बांध के दक्षिण स्थित क्षेत्र की लगभग सारी फसलें नष्ट हो चुकी हैं वहीं आवासीय क्षेत्र तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिससे सैकड़ों मकान पानी से घिर गये हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को सड़क तक आने-जाने में पानी हेलना पड़ रहा है। इधर बिशनपुर बेरी पंचायत में मरगंग के समीप के पीडब्ल्यूडी मार्ग से मटिऔर जानेवाली सड़क पर घुटना भर पानी भरा हुआ है।
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