बिहार

भागलपुर में बाढ़ ने मचाई तबाही, लोग अपने घरों को तोड़ने को हुए मजबूर

Rani Sahu
1 July 2022 7:59 AM GMT
भागलपुर में बाढ़ ने मचाई तबाही, लोग अपने घरों को तोड़ने को हुए मजबूर
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बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी इन दिनों उफान पर है. वहीं गंगा किनारे भागलपुर जिले का बाढ़ (Flood In Bhagalpur) और कटाव से गहरा नाता रहा है. जिले के कई गांव से दर्जनों घर नदियों में समा जाते हैं

भागलपुर: बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी इन दिनों उफान पर है. वहीं गंगा किनारे भागलपुर जिले का बाढ़ (Flood In Bhagalpur) और कटाव से गहरा नाता रहा है. जिले के कई गांव से दर्जनों घर नदियों में समा जाते हैं. वहीं इस वर्ष भी समय से पूर्व कोसी नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. बिहपुर प्रखंड के कहारपुर में इस वर्ष भी कोसी नदी का कहर आक्रामक रूप ले चुका है.

सारे चीजों को डूबा ले जाएगी: नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के (Flood in naugachhia) बिहपुर प्रखंड के कहारपुर गांव में कोसी का कहर सामने आया है. इस कहर में कई दर्जन घर, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, नल जल योजना की टंकी समेत कई जरूरी चीजें कोसी नदी में समा चुकी है. बाढ़ का उफान इतना तेज है कि वहां की सबसे उपरी इलाके में स्थित विषहरी मंदिर के समीप धीरे-धीरे कोसी की धारा पहुंच रही है. इतनी तेज धारा के बाद लोगों को मंदिर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है.
खुद से घर तोड़ रहे हैं लोग : वहीं कई गांव के लोग अब खुद से अपने घर को तोड़कर एक-एक ईंट बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण इनसे इनका आशियाना हर साल छिन जाता रहा है. वहीं आसपास के गांव के लोग डर के साये में एक-एक रात गुजार रहे हैं. बीते दिनों ईटीवी भारत के संवाददाता ने जिला प्रशासन को इस गांव की स्थिति से अवगत कराया था.
जिला प्रशासन ने नहीं किया कोई इंतजाम : इस क्षेत्र में नदियों में कटाव से बचने का काम शुरू नहीं होने से खतरा और बढ़ गया है. हर घंटे जमीन और घर का हिस्सा कटकर कोसी में समाता जा रहा है. लोगों के चेहरे पर सिकन के साथ-साथ सरकार और जनप्रतिनिधियों के प्रति गुस्सा साफ दिख रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो जमीन और घर का हिस्सा कोसी में समा जा रहे हैं. उसके बाद अगर कुछ बच पा रहा है तो लोग उसे तोड़कर बाढ़ के बाद फिर से बनाने के लिए रखने को मजबूर हैं. बाढ़ कटाव होने के बाद सारे ग्रामीण रेलवे पटरी के आसपास रहने को मजबूर होते हैं, लेकिन वहां से भी उन्हें प्रशासन के द्वारा हटा दिया जाता है.
भौगोलिक स्थिति सही नहीं - डीएम : जिलाधिकारी सुब्रत सेन (DM Subrato Sen) की मानें तो गांव नदी के किनारे है. उस गांव में जाकर अभियंता ने जांच की है. कटाव निरोधी कार्य वहां कराये जाएंगे. वहां की भौगोलिक परिस्थिति थोड़ी सी कठिन है, इस कारण परेशानी होती है.


Rani Sahu

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