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बिहार में गंगा फिर एकबार विकराल रूप धारण कर चुकी है. भागलपुर जिले के कई इलाके जलमग्न हो गये हैं. वहीं कई क्षेत्रों में कटाव से हाहाकार मचा हुआ है. कटाव की जद में आए लोग अपने घर-द्वार को छोड़कर सुरक्षित जगह पर पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं रोजाना अब लोग अपनी आंखों के सामने अपने घर-मकान को गंगा में विलीन होते देखने को मजबूर हैं. ग्रामीणों के बीच इस बात की नाराजगी भी है कि पिछले कुछ दिनों से उनके ऊपर गिरे इस कुदरती कहर से बचाने प्रशासन पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहा है.
इंगलिश गांव में रोज गिर रहे मकान
भागलपुर जिला के सबौर प्रखंड अंतर्गत इंगलिश गांव में गंगा किनारे भीषण कटाव हो रहा है. यहां रोजाना मकान गंगा में भरभराकर गिर रहे हैं. लोग अपनी आंखों के सामने ही खून-पसीने की कमाई से बने मकान को नदी में समाते देखने को विवश हैं. गुरुवार को एक और घर देखते ही देखते गंगा में समा गया. लोगों के बीच भय का माहौल बना हुआ है और रात भी लोग अभी जागकर ही काट रहे हैं.
गंगा का कोहराम जारी
गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कई इलाकों में नदी का पानी घरों में प्रवेश करने लगा है. बाढ़ की चपेट में आए पीड़ित अब ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं. बुधवार को गंगा का जलस्तर सुल्तानगंज में थोड़ा कम दिखा. जबकि भागलपुर और कहलांग में गंगा का जलस्तर थोड़ा बढ़ गया है. सबौर प्रखंड के ही लैलख गांव में भी गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है. करीब 5 दर्जन से अधिक घरों में यहां बाढ़ का पानी घुसने की सूचना है.
मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर निकलने की मजबूरी
अकबरनगर में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. जहां आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. अकबरनगर-शाहकुंड मुख्य मार्ग के करीब बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद अब किसान मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर निकलने लगे हैं. जिले के दर्जन भर पंचायतों में बाढ़ और सुखाड़ की मार से किसानों की हालत पस्त हो चुकी है.
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