बिहार

शहर से प्रत्येक माह निकल रहा पांच हजार टन कचरा, नहीं हो रहा निष्पादन

Admindelhi1
29 March 2024 6:16 AM GMT
शहर से प्रत्येक माह निकल रहा पांच हजार टन कचरा, नहीं हो रहा निष्पादन
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नए प्रावधानों के तहत कचरे के निष्पादन को लेकर निगम के स्तर से पिछले साल आरएफपी विभाग को भेजा गया

मुजफ्फरपुर: हर माह शहर से औसतन पांच हजार टन कचरा निकल रहा है, लेकिन डंपिंग साइट पर कचरा निष्पादन का मामला नगर विकास विभाग की सुस्ती से फाइलों में दबा हुआ है. नए प्रावधानों के तहत कचरे के निष्पादन को लेकर निगम के स्तर से पिछले साल आरएफपी विभाग को भेजा गया. इसके बाद दो बार रिमाइंडर भी भेजे गए पर नतीजा सिफर ही रहा. नियमानुसार विभाग से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद ही कचरा निष्पादन को लेकर टेंडर निकाला जा सकता है. नतीजतन 13 महीने पहले बोर्ड से प्रस्ताव पास होने के बावजूद कचरा निष्पादन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में रौतनिया डंपिंग साइट पर ढाई लाख टन से अधिक कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है.

इधर, स्वच्छता सर्वेक्षण भी सिर पर है, लेकिन कचरे का निष्पादन नहीं हो रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण 24 का पहला चरण अप्रैल में शुरू होना है. बावजूद पहले की तरह नगर निगम अब भी कचरा निष्पादन के पैमाने पर फिसड्डी है. पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण 23 में डंपसाइट पर कचरा निष्पादन (रेमेडिएशन) के मामले में मुजफ्फरपुर नगर निगम को शून्य अंक मिले थे. देश के 1 से 10 लाख वाले 446 शहरों में 388 वीं रैंक मिली थी. इसके बावजूद स्थिति नहीं बदली है.

स्वीकृति के बाद भी नहीं जारी हो पाएगा टेंडर: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से नया तकनीकी पेंच खड़ा हो गया है. विभाग से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद भी अब करीब ढाई महीने तक टेंडर जारी नहीं हो सकेगा. यानी सर्वेक्षण के पहले चरण में कचरा निष्पादन के पैमाने पर निगम का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहेगा. इस बार चार चरणों में स्वच्छता की जांच होनी है. कुल अंक 9500 हैं. कचरा प्रबंधन व निष्पादन (रिड्यूस, रीयूज व रिसाइकिल) पर फोकस रहेगा. अप्रैल-मई से शुरू होकर सितंबर तक चलने वाले दो चरणों में स्थानीय स्तर पर साफ-सफाई और जनता की सुविधाओं को परखा जाएगा. तीसरे चरण में प्रोसेसिंग फैसिलिटी को परखने के बाद नवम्बर के आखिर तक मूल्यांकन का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

योजना फाइलों में:

● नगर विकास विभाग की सुस्ती से फाइलों में दबी योजना

● स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरा निष्पादन में मिला था शून्य अंक

● रौतनिया डंपिंग साइट में जमा है ढाई लाख टन कूड़े का पहाड़

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