बिहार

झरिया के युवक की हिरासत में मौत में पांच लाख मुआवजे का आदेश

Admin Delhi 1
10 July 2023 9:23 AM GMT
झरिया के युवक की हिरासत में मौत में पांच लाख मुआवजे का आदेश
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धनबाद न्यूज़: झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को झरिया के घनुडीह थाना में वर्ष 2015 में पुलिस हिरासत में मृत गैराज उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है. सरकार को आदेश के छह सप्ताह के अंदर राशि का भुगतान करना होगा. जस्टिस एसके द्विवेदी के कोर्ट ने उमेश की पत्नी बबीता देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुआवजा देने का आदेश दिया.

अदालत ने राज्य के डीजीपी को दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. अदालत ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह साबित भी हो चुका है कि घटना पुलिस की बर्बरता है. कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि धनबाद की निचली अदालत के आदेश के बाद भी पुलिस विभाग ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की. कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को यह भी छूट दी है कि वह मुआवजे की राशि दोषी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों से वसूल सकती है.

मृतक उमेश सिंह की पत्नी बबीता देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. साथ ही 10 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 23 जून 2015 को घनुडीह ओपी के प्रभारी हरिनारायण राम के निर्देश पर मुंशी पवन सिंह रात 10 बजे थाने ले गए थे. अगली सुबह जब वह घर नहीं लौटे तो परिवार ने उनकी तलाश की और घनुडीह जोरिया के पास शव पाया गया. उसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान मिले थे. शरीर पर सिर्फ अंडरगारमेंट था. अदालत को बताया गया कि मृतक की शर्ट ओपी के लॉकअप में मिली थी.

मृतक की पत्नी ने धनबाद की निचली अदालत में पुलिस हिरासत में मौत की शिकायत की और जांच का आग्रह किया था. अदालत ने न्यायिक जांच कराई और इसे पुलिस हिरासत में मौत का मामला माना. प्रार्थी का कहना था कि उसने झरिया पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मी हरिनारायण राम, पवन सिंह, सत्येंद्र कुमार और अज्ञात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. बाद में सरकार ने इसकी जांच सीआईडी से करायी, लेकिन सीआईडी ने पुलिस अधिकारी और कर्मियों को क्लीनचिट दे दी थी.

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