बेगूसराय न्यूज़: रंगदारी मांगने व मारपीट के एक ही मामले में 13 वर्षों में दो बार प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. नगर थाने में पहली प्राथमिकी वर्ष 2009 में हुई थी. इसमें तत्कालीन वार्ड पार्षद व लोहिनगर निवासी ब्रजेश कुमार उर्फ प्रिंस कुमार, उस समय का जिले का कुख्यात राजेश कुमार उर्फ गुग्गा सिंह व विनोद सिंह को नामजद बनाया गया था. इन नामजद अभियुक्तों में से घरेलू विवाद में लोहियानगर में ही उनके आवास पर गुग्गा सिंह की चार साल बाद ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में सीजेएम के आदेश पर 13 वर्षों बाद 29 जनवरी 2023 को नगर थाने में दोबारा एफआईआर दर्ज कराया गया. इसमें भी 10 साल पहले स्वर्गवासी हो चुके राजेश कुमार उर्फ गुग्गा सिंह के साथ वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के नगर अध्यक्ष ब्रजेश कुमार प्रिंस व विनोद सिंह को दोबारा नामजद बनाया गया.
थाने में आवेदन देने के बाद सीजेएम में भी कराया केसनगर थाना कांड संख्या 84/23 दिनांक 29 जनवरी को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सूचक लोहियानगर निवासी गणेश पंडित ने कहा है कि घटना 23 अप्रैल 2009 की है. वह लोहियानगर स्थित अभिषेक टेंट हाउस व वह टीवी देख रहा था. लोहियानगर निवासी राजवल्लभ सिंह उर्फ पहलवान सिंह का पुत्र राजेश कुमार उर्फ गुग्गा, रामउचित सिंह का पुत्र प्रिंस कुमार उर्फ ब्रजेश कुमार व विनोद सिंह पिता का नाम न मालूम आया व 50 हजार रुपये की रंगदारी मांगी. धमकी दी गयी कि रंगदारी नहीं दोगे तो तुम्हारा कारोबार ठप करा देंगे. साथ ही तुम्हारी हत्या भी करा देंगे. उन्होंने अनुरोध किया वह गरीब है व रुपये देने में सक्ष्म नहीं है. इसी बात पर विनोद सिंह के कहने पर गुग्गा सिंह ने लोहे के रड के सिर पर जानलेवा प्रहार कर जख्मी कर दिया.
हल्ला होने पर लोगों के पहुंचने पर उनकी जान बची. जाते समय बदमाशों में विनोद सिंह ने गल्ले से साढ़े आठ लाख रुपये, राजेश उर्फ गुग्गा सिंह ने 20 हजार रुपये की कीमत का सोने की चेन छीन ली. ब्रजेश कुमार मोबाइल टाटा इंडीकोम ले लिया. स्थानीय लोगों ने उठाकर इलाज कराया. थाना गया तो पुलिस ने एफआईआर नहीं ली.
आरोपितों ने कहा कोर्ट ने आरोप से कर दिया है दोषमुक्त, दोबारा केस होने से बेहोशप्राथमिकी में नामजद बनाये गये ब्रजेश कुमार प्रिंस फिलहाल कांग्रेस पाटी के नगर अध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि लोहियानगर निवासी गणेश पंडित ने नगर थाने में 23 अप्रैल 2009 को कांड संख्या 168/09 क तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी को कोर्ट में सुनवाई दर सुनवाई के बाद चार दिसंबर 2017 को तीनों आरोपितों को आरोप से दोषमुक्त कर दिया था. उसका सर्टिफाइ कॉपी उनके पास है.
इनमें राजेश कुमार उर्फ गुग्गा सिंह को तो 10 वर्ष पहले ही उसके घर में किसी ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी. नगर थाने की पुलिस के द्वारा स्वर्गवासी को नामजद बनाना सरासर अन्याय है.