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मोतिहारी। फाइलेरिया रोग को हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है।जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को फाइलेरिया से प्रभावित अंगों की साफ सफाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस रोग में बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना इसके शुरूआती लक्षण हैं। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। उन्होंने बताया कि जिले के फाइलेरिया रोगियों के बीच स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा साफ सफाई के तौर तरीके बताएं जा रहे हैं। ताकि इस रोग के उचित देखभाल की जानकारी मिल सके। केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि जिले के तेतरिया प्रखंड के लहलादपुर में फाइलेरिया रोग के मरीजों को सफाई के तौर तरीके बताये गये, उन्होंन बताया कि हाथ पैरों पर अगर कहीं कोई घाव है तो उसे अच्छे से साफ करें और सुखाकर उसपर दवाई लगाएं।
फाइलेरिया के मरीज को अपने पैर बिस्तर से छह इंच ऊंचा रखना चाहिए। पैरों को बराबर रख कर रिलेक्स रखना चाहिए। पैरों में हमेशा पट्टे वाली ढीली चप्पल पहने। सूजन वाली जगह को हमेशा चोट से बचाएं। डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि महिलाओं व पुरुषों के बीच फाइलेरिया बीमारी से बचाव को जागरूकता के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि लोग फाइलेरिया रोग से बचें।डीभीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया की दवा सेवन कर इस रोग से सुरक्षा संभव है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है।इस बीमारी के फैलने की मुख्य वजह मच्छर हैं इसलिए उनसे बचाव करना जरूरी है। घर के आस-पास सफाई रखें ताकि मच्छर अपना प्रभाव नहीं डालें। घर में कीटनाशक का छिड़काव करें और घर में कहीं भी पानी को जमा नहीं होने दें। सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं।
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