बिहार

फाइलेरिया व कालाजार बीमारी एनटीडी में शामिल

Admin Delhi 1
3 Feb 2023 6:42 AM GMT
फाइलेरिया व कालाजार बीमारी एनटीडी में शामिल
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नालंदा न्यूज़: फाइलेरिया व कालाजार बीमारी उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) एनटीडी में शामिल हो चुका है. विश्व में हर पांच में से एक व्यक्ति एनटीडी रोग से ग्रसित है. इन रोगों से रोगी काफी कमजोर हो जाता है. कई बार तो यह इन बीमारियों के चलते रोगी की मौत तक हो जाती है. इसकी चपेट में अधिकतर गरीब व संवदेनशील वर्ग के लोग आते हैं. जिससे देश भर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं.

इन रोगों से बचाव के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जनजागरूकता लाने के लिए एनटीडी दिवस मनाया जा रहा है. इसमें सीफार संस्था सहयोग कर रही है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रामकुमार प्रसाद ने बताया कि वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो. लेकिन, उनके शरीर के चमड़े पर चकता अथवा किसी तरह का दाग हो. परंतु उसमें सूनापन न हो, वे पूर्व में कालाजार से पीड़ित रहे हों. वैसे लोगों को आरके-39 किट से जांच हेतु पीएचसी को रेफर किया जाता है.

कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा सभी पीएचसी में मुफ्त उपलब्ध है.

कालाजार रोगी को दी जाती है 71 सौ सहायता राशि

कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य सरकार 6600 और केंद्र सरकार 500 रुपए सहायता राशि देती है. इस तरह से रोगी को सात हजार एक सौ रुपए मिलते हैं. यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दी जाती है. वहीं पीकेडीएल चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से चार हजार रुपए मिलते हैं.

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