मुजफ्फरपुर न्यूज़: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की डिग्री का सत्यापन कराने में अब शुल्क देने होंगे. श्रम संसाधन विभाग ने केंद्र सरकार सहित सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के लिए राशि तय कर दी है. यह राशि 100 रुपए से लेकर 800 रुपए तक है. विभाग का यह आदेश एक मई से लागू होगा.
विभागीय आदेश में कहा गया है कि परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ ही विदेशों के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठान या बोर्ड में नवनियुक्त या कार्यरत कर्मियों में आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की डिग्री का सत्यापन करवाया जाता है. अब तक इन प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए कोई शुल्क तय नहीं था. राज्य सरकार के पास जानकारी मांगे जाने पर निशुल्क सत्यापन किया जाता रहा है. लेकिन अब विभाग ने सत्यापन के एवज में राशि लेना तय किया है. हालांकि बिहार सरकार के विभागों की ओर से सत्यापन कराने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.
सत्यापन के बदले शुल्क तय करने के लिए बीते दिनों राज्य कौशल विकास एवं उद्यमिता समिति की बैठक हुई थी. उसी बैठक में तय हुआ कि आईटीआई उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों का अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा व राज्य व्यावसायिक परीक्षा के बाद नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग तथा स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग से निर्गत प्रमाणपत्र के सत्यापन के बदले शुल्क लिया जाए.
इसके तहत केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय की ओर से डिग्री सत्यापन की मांग की जाएगी तो आवेदकों से 100 रुपए लिये जाएंगे. देश के अन्य राज्य सरकारों की ओर से डिग्री सत्यापन की मांग की जाती है तो आवेदकों से 300 रुपए लिये जाएंगे. इसी तरह निजी संस्थानों में नियुक्त होने पर अगर आईटीआई की डिग्री सत्यापित कराई जाती है तो 600 रुपए लिये जाएंगे. जबकि विदेशों में किसी प्रतिष्ठान या सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की ओर से डिग्री सत्यापन की मांग की जाएगी तो 800 रुपए लिये जाएंगे.
इस राशि का भुगतान बैंक ड्राफ्ट, चेक, आरटीजीएस, एनईएफटी, ऑनलाइन के माध्यम से सहायक निदेशक (परीक्षा), परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के खाता में जमा किया जाएगा. राशि भुगतान किए जाने के बाद ही विभाग आईटीआई की डिग्री सत्यापित कर संबंधित संस्थानों को जानकारी उपलब्ध कराएगा.