रंगदारी की मांग करते हुए बेखौफ बदमाशों ने अधिवक्ता की हत्या की
बेगूसराय: बड़ी बलिया उत्तरी पंचायत अंतर्गत बरबीघी-मिर्जापुर गांव में रंगदारी की मांग करते हुए बेखौफ बदमाशों ने कानून व्यवस्था को धता बताते हुए दिनदहाड़े अधिवक्ता की सरेआम हत्या कर दी.
मृतक अधिवक्ता की पहचान बड़ी बलिया उत्तरी पंचायत के बरबीघी-मिर्जापुर निवासी विष्णुदेव महतो के 55 वर्षीय पुत्र निरंजन कुमार के रूप में की गई है. बताया गया है कि निरंजन कुमार की सुबह कोर्ट जाने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी बीच कुछ अपराधी पहुंचे और उनसे रंगदारी मांगने लगे. निरंजन ने रंगदारी देने से इनकार करते हुए बदमाशों की दबंगई का विरोध किया तो अपराधियों ने तेज धारदार हथियार से उनके सिर पर वार कर दिया. अपराधियों के इस हमले में निरंजन की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. हत्या की घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. उनके परिजनों ने मृतक के शव को उठाकर बलिया थाना लाया जहां से पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया. घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच-पड़ताल की. उन्होंने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी की जा रही है. बताया गया है कि हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी परिवार के साथ घर छोड़कर फरार हो गए हैं. वहीं, हत्या के बाद मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
बेटे के इंतजार में 24 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार अधिवक्ता निरंजन कुमार महतो की हत्या के बाद बेटों के इंतजार में 24 घंटे तक शव को बर्फ में रखा गया. बताया जाता है कि अधिवक्ता निरंजन कुमार महतो को चार पुत्र है जिनमें केशव उर्फ अमन, दूसरा अनिकेत, तीसरा अविनाश एवं चौथ शांतनु है. बड़ा पुत्र केशव उर्फ अमन शादीशुदा है जो दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में काम करता है . जबकि, दूसरा अनिकेत रांची में बेंथल नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहा है. तीसरा पुत्र अविनाश एमआरजेडी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है जबकि चौथा शांतनु गांव में रहता है जो दसवीं कक्षा का छात्र है. मृतक अधिवक्ता की पत्नी करुणा देवी ने बताया कि मेरे पति ने जमीन बेची थी. इसको लेकर गांव के ही मनोज महतो, नवेश एवं सेखो महतो 35 हजार रुपए प्रति कह्वा रंगदारी मांग रहे थे.
हत्या की घटना से अधिवक्ताओं में आक्रोश, कोर्ट में नहीं हुआ कार्य निरंजन कुमार की हत्या की घटना की खबर अनुमंडल अधिवक्ता संघ में मिलते ही अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया. अधिवक्ताओं ने शोकसभा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही, सभी अधिवक्ताओं ने विरोध जताते हुए अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखा. अधिवक्ताओं ने अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द करने, पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा देने और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. वकीलों ने कहा कि अपराधी की गिरफ्तारी जल्द नहीं हुई तो आंलन के लिए सड़क पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा. वहीं, डीएसपी नेहा कुमारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
पीड़ित परिजनों से मिले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह घटना की सूचना मिलते ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी मिर्जापुर डीह गांव पहुंचे और परिजनों से मिलकर सांत्वना दी. उन्होंने घटना की भर्त्सना करते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े अधिवक्ता की हत्या हुई है. इस हत्या की जितनी भी निंदा की जाए, वह काम है.