गया न्यूज़: फतेहपुर प्रखंड क्षेत्र के किसान पैक्सों में गेहूं बेचने से परहेज कर रहे हैं. वे अपने गेहूं को खुले बाजार में बेच रहे हैं. सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से ज्यादा उन्हें बाजार में मिल जा रहा है. इस कारण किसान पैक्सों में गेहूं बेचने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि किसान रजिस्ट्रेशन कराने में भी विशेष रुचि नहीं ले रहे हैं. यहां अभी तक एक भी किसान रजिस्ट्रेशन नहीं कराये हैं.
फतेहपुर प्रखंड में 20 अप्रैल से पैक्सों में गेहूं की खरीद शुरू हुई है. लेकिन अब तक किसानों में कोई खास रूचि नहीं दिख रही है. इसका परिणाम है कि एक 17 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी भी पैक्सों में एक छटाक भी गेहूं की खरीद नहीं हो पाई है. यहां अब तक एक भी किसान अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएं हैं. इस बार गेहूं के सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (2125 रुपये प्रति क्विंटल) निर्धारित किया गया है. जबकि बाजार भाव 22 सौ रुपये है. इस कारण किसानों की पैक्सों में गेहूं बेचने में कोई दिलचस्पी नहीं है. किसान मिथिलेश सिंह, राजेश सिंह टुल्लू सिंह, अरुण सिंह, विजय सिंह, डेबू सिंह, लालकेश्वर यादव, दिलीप चौधरी आदि ने कहा कि खुले बाजार में 2200 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का मूल्य मिल जा रहा है. जबकि सरकार द्वारा 2125 रुपये प्रति क्विंटल ही मूल्य निर्धारित किया गया है. जब सरकारी मूल्य से ज्यादा खुले बाजार में ही मिल जा रहा है तो फिर सरकारी स्तर पर गेहूं बेचने का परेशानी क्यों उठाएं.
फतेहपुर पैक्स सह संघ अध्यक्ष अध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद सिंह, मतासो पैक्स अशोक सिंह, मोरहे पैक्स अध्यक्ष रणविजय कुमार, नीमी पैक्स अध्यक्ष चंद्रदेव प्रसाद आदि ने कहा कि किसानों का कहना है कि जब सरकारी मूल्य से ज्यादा खुले बाजार में ही कीमत मिल जा रहा है तो पैक्स के माध्यम से गेहूं क्यों बेचेंगे. सरकार द्वारा समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने पर ही पैक्सों में गेहूं बेचेंगे.