बक्सर न्यूज़: कृषि क्षेत्र से जुड़े मजदूरों को महंगाई के अनुरुप मजदूरी नहीं मिल रही है. मजदूरों का कहना है कि मनरेगा में 210 रुपया और बाजार में 350 रुपये मजदूरी मिलता है. कटनी करने वाले मजदूरों को बोझा के हिसाब से मजदूरी मद में फसल मिलता है. मजदूरों ने बताया कि कम मजदूरी के कारण मजबूरी में महानगरों में काम करने जाना पड़ रहा है. मजदूरों की कमी से किसान तेजी से मशीन पर निर्भर हो रहे हैं. खेत की जुताई से लेकर कटनी में बड़े पैमाने पर मशीन का उपयोग होने लगा है. नंदन के विजय कुमार का कहना है कि मेहनत के बाद भी परिवार का पेट नहीं भरे, तो ऐसा काम करने से क्या फायदा. यही कारण है कि कृषि से मजदूरों की दूरी बढ़ती जा रही है. डुमरांव अनुमंडल के लगभग सभी गांवों के युवा और अधेड़ उम्र के लोग परदेश में मेहनत मजदूरी करने जा रहे है.
प्राकृतिक आपदाओं से फसल को होने वाली क्षति की भरपाई के लिए संचालित फसल सहायता योजना किसानों को नहीं भा रही है. योजना के तहत सहकारिता विभाग में रजिस्ट्रेशन का अंतिम आंकड़ा इसका गवाह है. क्योंकि योजना से लाभान्वित होने के लिए किसानों को ऑन लाइन निबंधन कराना आवश्यक होता है.
चालू रबी मौसम में इस योजना के लाभ हेतु जिले में मात्र 4,909 किसानों ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि 25,127 किसानों ने खरीफ फसल के लिए निबंधन कराया था. इसके लिए कोई शुल्क का भुगतान नहीं भी नहीं करना होता है, बावजूद रजिस्ट्रेशन में किसान रुचि नहीं लेते हैं.
किसानों की माने तो रजिस्ट्रेशन के बावजूद कोई फायदा नहीं होता है. लिहाजा इस योजना के प्रति ज्यादातर किसान उदासीन बने रहते हैं.
रजिस्ट्रेशन की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई. ऐसे में अब निबंधन कराना नामुमकिन है. अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक केवल 4,909 किसानों ने निबंधन कराया है. इसमें से 1012 रैयत, 3799 गैर रैयत और 98 दोनों दर्जे के कृषक शामिल हैं. निबंधन के मामले में डुमरांव प्रखंड अव्वल एवं ब्रह्मपुर दूसरे पायदान पर है. डुमरांव में सबसे अधिक 1321 व ब्रह्मपुर प्रखंड में 1231 किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
प्रखंडवार रजिस्ट्रेशन कराने वाले कृषकों की संख्या
प्रखंड नाम रजि. सं.
ब्रह्मपुर 1231
बक्सर 77
चक्की 165
चौगाईं 225
चौसा 44
डुमरांव 1321
इटाढ़ी 729
केसठ 097
नावानगर 538
राजपुर 141
सिमरी 341
डुमरांव में गेहूं की फसल की कटनी करता हार्वेस्टर.
गेहूं के लिए हुआ है सबसे अधिक निबंधन
योजना के तहत कुल नौ किस्म की फसल के लिए निबंधन होता है. इसमें गेहूं फसल के लिए सबसे अधिक 4784, चना के लिए 2635, मसूर हेतु 2098 व मक्का के लिए 396 आवेदन प्राप्त हैं. इसी तरह अरहर के लिए 637, राई के लिए 1579, ईख हेतु 00, प्याज के लिए 1299 व आलू के लिए 00 आवेदन मिले हैं.