बिहार

48 नाला नहरों में पानी आने का किसान कर रहे 20 वर्षों से इंतजार

Admin Delhi 1
9 Jun 2023 6:55 AM GMT
48 नाला नहरों में पानी आने का किसान कर रहे 20 वर्षों से इंतजार
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गोपालगंज न्यूज़: जिले में सारण मुख्य नहर से निकली 48 नाला नहरों में विगत बीस वर्षों से पानी नहीं आया है. इन नहरों का चैनल ध्वस्त हो चुका है. इसकी पुलिया भर चुकी है. हालांकि हर वर्ष नहर से खेतों तक पानी पहुंचाने के नाम पर एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च होती है. लेकिन,किसान को एक बूंद पानी नहीं मिल पा रहा है. इन दिनों सूखे की स्थिति बने रहने से किसान निजी पंप सेट से खेत की सिंचाई कर धान का बिचड़ा डाल रहे हैं. सारण मुख्य नहर कुचायकोट प्रखंड से शुरू होकर गोपालगंज, मांझागढ़, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर तक जाती है. 1960 की दशक में नहर की खुदाई की गई थी. तब मुख्य नहर से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नाला नहर बनाई गई थी. लेकिन,देख रेख के अभाव में इसका अस्तित्व प्राय मिट गया है. जिससे नहर में पानी आने के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.

दर्जनों गांवों के किसान सिंचाई को तरस रहे जिले के कुचायकोट प्रखंड के बलथरी, ढ़ोढवलिया, खैरटिया, रामपुर, कुचायकोट, बलिवन सागर, पकड़ी, कोन्हवा, माधोमठ व रामपुर माधो, थावे प्रखंड के रामचन्द्रपुर, एकडेरवा, भुषाव, बरारी, वृंदावन, गवंदरी, धतिवना व विश्वम्भरपुर के इलाके में सिंचाई नहीं हो पा रही है. इसी तरह भोरे प्रखंड के सिसई, मिश्रौली, परसही, चकरवां, हरदिया व गोपालपुर, मांझागढ़ प्रखंड के कनपुरा, फुलवरिया, भटवलिया, इमिलिया, बरौली के नवादा, खजुरिया, बभनौली, माड़नपुर, कहला, कल्याणपुर, सिधवलिया के गंगवा, विशुनपुरा, चांदपरना, कटेया खास, बंजरिया, झंझवा व बैकुंठपुर मानपुर, मुंजा, जगदीशपुर, विजुलपुर गांवों के किसान नहर से सिंचाई के लिए तरस रहे हैं.

हर वर्ष होती मोटी राशि खर्च

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के नाला- नहरों की साफ-सफाई पर प्रति वर्ष 1करोड़ 20 लाख रुपए प्रति खर्च किए जाते हैं. नहरों की साफ-सफाई कार्य पूर्ण होने पर नहर प्रमंडल के कनीय व सहायक अभियंता इसकी जांच भी करते हैं. लेकिन,किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

जिले में 60 हजार हेक्टेयर भूमि नहरों से सिंचित घोषित है. लेकिन,वास्तविकता अलग है.

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