बिहार

किसान भाई बेहतर मुनाफा के लिए करे सूरजमुखी की खेती- आशीष राय

Shantanu Roy
22 Jan 2023 9:47 AM GMT
किसान भाई बेहतर मुनाफा के लिए करे सूरजमुखी की खेती- आशीष राय
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बड़ी खबर
अररिया। सूरजमुखी न केवल एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है,बल्कि इसकी बढती मांग के कारण आज यह महत्वपूर्ण नकदी फसल के रूप जाना जा रहा है।4000 से 4500 रूपये प्रति किण्टंवल की दर बिकने वाली सूरजमुखी की खेती के लिए उत्तर बिहार की भूमी काफी उपयुक्त है।इसकी जानकारी देते हुए जिले के पहाड़पुर प्रखंड स्थित परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डा.आशीष राय ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ऐसे तो सूरजमुखी की बुवाई साल में तीन बार की जा सकती है।लेकिन फरवरी माह में इसकी बुवाई सबसे उपयुक्त मानी गयी है।प्रत्यारोपण तकनीक के प्रयोग से पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी व पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखते हुए सूरजमुखी के साथ किसान भाई अन्य फसल भी उगा सकते है।
-कैसे करे खेत की तैयारी
सूरजमुखी की बेहतर पैदावार के लिए भूमि अच्छी नमी के साथ मिट्टी का भूरभूरा होना चाहिए।सिंचिंत भूमि में पहली जुताई हैरो से व दुसरी जुताई कल्टीवेटर या रोटावेटर करनी चाहिए।रसायनिक खाद की अपेक्षा वर्मी,जैविक या गोबर खाद इसके उत्पादन के लिए श्रेयस्कर है।
-कब करे बुआई
जनवरी के दुसरे सप्ताह से फरवरी के तीसरे सप्ताह तक का समय सूरजमुखी के बुआई के सबसे उत्तम माना गया है।क्योकी ऐसे समय का तापमान इसके बीजो के अंकुरण में सहयोगी होता है।
-कितना रखे बीज की मात्रा
उन्नत किस्मों का 4 किग्रा (ई.सी.68415 सी) तथा संकर किस्मों का 1.5 से 2 किग्रा बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।
-बीज उपचार व बुआई विधि
शीघ्र अंकुरण के लिए बीज को चार से छः घण्टे तक भिगो दे। फिर बुआई के पूर्व छायादार जगह पर इसे सुखा ले।आमतौर पर सूरजमुखी में फफूंद की समस्या होती है,ऐसे में फफूंदनाशी दवा कैप्टान,थिराम, बैविस्टिन,काबेन्डाजिम में से किसी एक दवा से बीजोपचार करे।फिर सीधे बुआई कर सकते है।अगर इसके साथ अन्य फसल लगा रहे हो तो प्रत्यारोपण विधि का इस्तेमाल कर पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी व पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखे।
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