मोतिहारी: निगरानी विभाग ने त्रिमुहान मिडिल स्कूल में 14 वर्षों से फर्जी सर्टिफिकेट पर कार्यरत एक शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. आरोपी शिक्षक का नाम राम विनोद ठाकुर है.
वे साहरघाट थाना क्षेत्र के बसवरिया गांव निवासी कृष्णदेव ठाकुर के पुत्र हैं. आरोप है कि वे एक यूनिवर्सिटी का फर्जी सर्टिफिकेट लगा कर, शिक्षक पद के लिए 2010 में अपना नियोजन कराया था. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के जांचकर्ता पुलिस सब इंस्पेक्टर सत्येन्द्र राम ने साहरघाट थाना में आरोपी शिक्षक के खिलाफ इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट पटना द्वारा दर्ज करायी गयी एक जनहित याचिका के पारित आदेश के आलोक में जांचोपरांत यह कार्रवाई की गयी है. स्थापना मधुबनी के नोडल पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने केस दर्ज कराये जाने की बात कही. उन्होंने बताया कि जांच करने के दौरान आरोपित शिक्षक का मार्कशीट और सर्टिफिकेट दोनों फर्जी पाये गये. दोनों दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर नियोजन फाइल में लगाये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
विस में विधायक ने उठाया डीबी कॉलेज का मामला
विधान सभा में क्षेत्र के भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने डी.बी. कॉलेज में जर्जर व क्षतिग्रस्त भवनों का मामला उठाया.सरकार से अविलम्ब करवाई की मांग की. विधायक ने कहा कि यह कॉलेज जयनगर अनुमंडल क्षेत्र में एक मात्र अंगीभूत कॉलेज है. यहां जर्जर व क्षतिग्रस्त भवनों में पढ़ने को हजारों छात्र छात्राएं विवश हैं. उच्च शिक्षा विभाग पटना मुख्यालय में स्वीकृति को प्रस्ताव काफी दिनों से लंबित है.
स्कूल निरीक्षण मामले में जीत से शिक्षकों में खुशी
बिहार के शिक्षकों की सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में जीत से खुशी है. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक रंजन ठाकुर ने बताया कि संघ के पक्ष में उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया था . जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामला स्कूलों के मनमाने निरीक्षण से संबंधित है .