बिहार

फर्जी डॉक्टर ने ली मासूम की जान, परिवार को बनाया बंधक

Tara Tandi
19 Jun 2023 11:02 AM GMT
फर्जी डॉक्टर ने ली मासूम की जान, परिवार को बनाया बंधक
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गोपालगंज में झोलाछाप डॉक्टर ने एक बच्चे की जान ले ली. घटना के बाद पैसे के लिए परिवार वालों को बंधक भी बनाया गया. घटना नगर थाना क्षेत्र के अस्पताल चौक की है. मृतक बच्चा नेजाम हुसैन का 8 माह का पुत्र है, जो यूपी के तमकुही का रहनेवाला था. झोलाछाप डॉक्टर ने फिर बच्चे की जान ली. अस्पताल में मौत के बाद पैसे के लिए परिजनों को बंधक बना लिया गया. पुलिस के पहुंचने पर झोलाछाप डॉक्टर और कर्मी फरार हो गए. जिसके बाद परिजन रोते बिलखते रहे. वहीं, क्लिनिक के बाहर भीड़ आक्रोशित हो गई. तस्वीरें गोपालगंज के सदर अस्पताल के सामने झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक की है. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही से बच्चे की जान ले ली है.
झोलाछाप डॉक्टर ने ली मासूम की जान
8 माह के बच्चे की मौत के बाद ₹10 हजार के लिए परिवारवालों को बंधक बनाने का आरोप भी लगा है. हालांकि मामला गंभीर होने के बाद पुलिस पहुंची तो आरोपी झोलाछाप डॉक्टर और कर्मी क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए. घटना के बारे में बताया जा रहा है कि यूपी के तमकुहीराज के रहने वाले निजाम हुसैन का परिवार नगर थाना के अरार स्थित ससुराल में आया था. जहां रविवार की देर शाम नेजाम हुसैन का 8 माह का पुत्र ई-रिक्शा से गिरकर जख्मी हो गया.
घटना के बाद परिवारवालों को बनाया बंधक
परिजनों के मुताबिक सदर अस्पताल में इलाज के लिए घर की महिलाएं बच्चे को लेकर गई थी, जहां दलाल के चंगुल में फंस गई और बच्चे को सदर अस्पताल के सामने सुरेंद्र मेडिकल के क्लीनिक में झोलाछाप डॉक्टर के पास भर्ती करा दिया. कथित डॉक्टर ने बच्चे के इलाज करने से पहले ₹10 हजार रुपये जमा करा लिया. परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से इलाज के दौरान बच्चे की जान गई. इसके बाद ₹10 हजार रुपये के लिए परिजनों को बंधक बना लिया.
मौके पर पहुंची पुलिस
बाद में सूचना पाकर डायल-112 की पुलिस पहुंची. पुलिस ने मामले को समझाकर शांत कराया. इसके बाद परिजनों ने नगर थाने में लिखित शिकायत दी. गोपालगंज में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बच्चे की जान लेने का कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी सदर अस्पताल के सामने इलाज में लापरवाही से कई बच्चों की जान जा चुकी है. अब जरूरत है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ऐसे डॉक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने की ताकि लापरवाही से फिर किसी बच्चे की जान नहीं जा सके.
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