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बिहार | कटिहार में आने वाली पक्षियों की पहचान के लिए विशेषज्ञों की टीम दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पहले दिन वनकर्मियों को विभिन्न तरह के टिप्स दिए. विशेषज्ञों ने बाहर से आने वाले पक्षियों की पहचान, उसके संरक्षण, ब्रीडिंग आदि की जानकारी मुहैया कराया गया.
वहीं वनकर्मियों को मनिहारी के गोगाबील झील ले जाकर स्थल पर जानकारी दी जाएगी. बिहार के पूर्णिया वन प्रभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा बिहार वन विभाग के सहयोग से कटिहार में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मंदार नेचर क्लब के संस्थापक अरविंद मिश्रा भी शामिल हुए. उन्होंने प्रशिक्षण कार्यशाला में मौजूद पक्षियों की पहचान, खतरों और संरक्षण महत्व पर जानकारी दी. इस दौरान पक्षी प्रवास, निगरानी, प्रवास अध्ययन तकनीक, मध्य एशियाई फ्लाईवे कार्य योजना और जंगली पक्षी रोग निगरानी जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया.
बाहर से आने वाले पक्षियों की सुरक्षा जरूरी डीएफओ
डीएफओ पूर्णिया भास्कर चंद्र भारती ने कहा कि गोगाबील झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों को बचाना और संरक्षित करना जरूरी है और फ्रंटलाइन स्टाफ को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में जितना हो सके सीखने की सलाह दी. बीएनएचएस वैज्ञानिक डॉ. सुब्रत देबाता और शोधकर्ता सुश्री वर्तिका पटेल ने फ्रंटलाइन स्टाफ को प्रवासी पक्षियों और पक्षी निगरानी तकनीकों पर जानकारीपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं. इस कार्यक्रम में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी सतेंद्र कुमार झा और समर्पित पक्षिप्रेमी दीपक झुन्नू भी शामिल थे.
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Harrison
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