x
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को होना है
Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को होना है जिसमें महागठबंधन के विभिन्न घटकों से लगभग 30 सदस्यों को शामिल किया जाएगा. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण सुबह 11.30 बजे राजभवन परिसर में एक सादे समारोह के दौरान होगा.
आमंत्रित लोगों में राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सुप्रीमो लालू प्रसाद भी शामिल हो सकते हैं जिनके सोमवार रात यहां पहुंचने की उम्मीद थी हालांकि पार्टी सूत्रों का दावा है कि वह मंगलवार की सुबह की विमान से यहां पहुंचेंगे. बिहार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. मंगलवार को इन मंत्रियों के शामिल होने के बाद भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए अन्य रिक्त स्थानों को भरे जाने की उम्मीद है.
प्रदेश में सत्तासीन महागठबंधन के घटक दलों के बीच एक सैद्धांतिक समझौता के तहत बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद के पास सबसे ज्यादा मंत्री पद होंगे, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू दूसरे नंबर पर होगी. कांग्रेस के राज्य प्रभारी भक्त चरण दास ने बताया कि उनकी पार्टी को तीन मंत्री पद मिलने की संभावना है जिनमें से दो को मंगलवार को शपथ दिलायी जाएगी. पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को शपथ ग्रहण के लिए पार्टी ने अफाक आलम (मुसलमान) और मुरारी गौतम (दलित) का चयन किया है.
इससे पहले राजेश राम के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और सबसे मुखर विधायकों में से एक शकील अहमद खान का नाम चर्चा में था. राजद खेमे से लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर तनिक भी संशय नहीं है और पार्टी के मूल आधार माने जाने वाले यादव जाति के लोगों को कई बर्थ मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है.
राजद से जिन अन्य लोगों के नाम चर्चा में हैं उनमें राष्ट्रीय महासचिव आलोक मेहता और युवा विधायक सुधाकर सिंह शामिल हैं जिनके पिता जगदानंद सिंह वर्तमान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और तेजस्वी यादव का सम्मान करते हैं. जदयू के विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, बिजेंद्र यादव, श्रवण कुमार और लेसी सिंह सहित पिछली राजग सरकार में अपने अधिकांश मंत्रियों को बनाए रखे जाने की संभावना है. जदयू कुछ ऐसे लोगों को छोड़ सकता है जिन्हें भाजपा और जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह का करीबी माना जाता है तथा जिन पर पूर्व गठबंधन सहयोगी के इशारे पर पार्टी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.
इसके अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष सुमन के भी मंत्री के रूप में वापसी की संभावना है. उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा स्थापित पार्टी के चार विधायक हैं और इसने नीतीश कुमार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए राजग छोड़ दिया था. अकेले निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे और उनके भी मंगलवार को शपथ लेने की संभावना है.
Rani Sahu
Next Story