बिहार

जिले में हर महीने साइबर फ्रॉड लगाते हैं लाखों रुपये का चूना

Admin Delhi 1
22 May 2023 11:49 AM GMT
जिले में हर महीने साइबर फ्रॉड लगाते हैं लाखों रुपये का चूना
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धुबनी न्यूज़: मधुबनी में साइबर फ्रॉड की घटनाएं आम हो चुकी हैं. हर महीने साइबर फ्रॉड के जरिए लाखों रुपये का चूना ग्राहकों को लग जाता है. हरबार ये साइबर अपराधी अलग-अलग तरीका अपनाकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं. एक रिपोर्ट के मुताविक मधुबनी में इन दिनों एटीएम के अवधि विस्तार, बैंक की ई-कवाईसी करवाने आदि के नाम पर अत्यधिक ठगी हो रही है. लाख जागरुकता के बावजूद भी ग्राहक इन साइबर अपराधियों के लुभावनी बातों में फंसकर अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई गवां बैठते हैं. ठगी के शिकार होते-होते बचे धीरज ठाकुर, रामानंद झा ने बताया कि उनके मोबाइल पर कई बार लोन संबंधी लिंक भेजा जा रहा था, लिंक क्लिक करते ही उसमें कई जरूरी जानकारी भरने की बात कहीं गई. जब कुछ कॉलम बांकी रहा तो उन्हें शक हुआ. शक उस समय सच्चाई में बदल गई जब साइबर फ्रॉड का कॉल आया कि आपके लिंक का समय सिर्फ 30 मिनट ही वैलिड है. बार-बार कॉल आने के बाद वे मोबाइल को शीघ्र फार्मेट कर दिया, और ठगी के शिकार होने से बचा. लोगों से मिली जानकारी के मुताविक कईबार मोबाइल, ईमेल, कस्टमर केयर नंबर, अंजान लिंक पर क्लिक करने, ऑनलाइन व्यवसाय करने, नौकरी दिलाने, परीक्षा में पास होने आदि की बात बताकर ठगी कर लेते हैं. मैट्रिक परीक्षा में नंबर अधिक दिलाने के नाम पर भी केशव, लालटू, छोटू (काल्पिनिक नाम) के नंबर पर फोन किया गया. बताया गया कि उसे गणित में कम नंबर हैं, अगर वे उनके दिए एक खाते में पांच हजार की राशि जमा कर देंगे तो उनका नंबर बढ़ जाएगा. अन्यथा उनकी कैरियर चौपट हो जाएगी. दो लड़कों ने अपने माता-पिता से जिद कर उनके खाते में पैसे भी जमा कर दिए, उसके बाद मोबाइल बंद हो गया.

बैंकों में मिलती है ठगी के शिकार की शिकायत बैंकों में हर दिन ऑनलाइन ठगी के शिकार हो चुके ग्राहकों की शिकायत आती हैं. नाम नहीं बताने की शर्त पर एक बैंक अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों से बैंक अधिकारी बनकर एटीएम पिन व ओटीपी तक लेकर ठगी कर रहे हैं. बैंक में लिखा गया है ओटीपी आदि अंजान व्यक्ति को नहीं दें.

कि किसी भी सूरत में अपने खाता संबंधी जानकारी, ओटीपी आदि अंजान व्यक्ति को नहीं दें.

क्रेडिट मिला नहीं हुई खरीदारी

शहर के बुद्ध नगर के रिटायर्ड टीचर बद्रीनारायण चौधरी ने बिना क्रेडिट कार्ड मिले ही 67 हजार 855 रुपए की खरीदारी का मैसेज पाया. वह अपने पुराने कार्ड को बंद करने के लिए मधुबनी एसबीआई मेन ब्रांच में आवेदन दिया. कार्ड को बंद करने के बजाया दूसरा कार्ड निर्गत किया गया, जो उन्हें अबतक नहीं मिली है. 19 अप्रैल 2023 को क्रेडिट कार्ड से 67 हजार 855 रुपए की खरीदारी करने की सूचना देते हुए उनसे रुपए की डिमांड की गई. तब जाकर वह नगर थाने में बैंक अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया.

निजी स्कूल के शिक्षक से ठगी

शहर के एक नामचीन निजी स्कूल के शिक्षक से भी ठगी का मामला सामने आया है. सुधीर कुमार झा के क्रेडिट कार्ड से 48 हजार रुपये की निकासी फ्रॉड कर निकासी कर ली. प्राप्त जानकारी केमुताविक उनसे ओटीपी पूछकर साइबर अपराधियों ने उनके खाते से पैसे उड़ा लिए.

विधिवत तरीके से साइबर सेल नहीं

जिले में अभी विधिवत तरीके से साइवर सेल की स्थापना नहीं हुई है. न ही अभी कोई अधिकारी ही इस पद पर बहाल की गई है. हालांकि एससी-एसटी थाने में ही अलग जगह पर साइवर सेल पर कार्य हो रहा है. विभिन्न थानों में साइबर अपराध होने पर साइबर सेल अपने तरीके से अनुसंधान करती है. जरूरत पड़ने पर पटना से भी संपर्क किया जाता है. हालांकि कई मामले में साइवर सेल के सहयोगियों को सफलता भी मिली है.

प्राप्त जानकारी के मुताविक साइवर सेल की फिलहाल मुख्यालय डीएसपी प्रभाकर तिवारी कर रहे हैं. कई मामले में अनुसंधान के दौरान वे खुद भी पहुंचते हैं.

अपने खाता संबंधी व निजी जानकारी रखें गोपनीय

इंडियन बैंक के अवकाश प्राप्त मुख्य प्रबंधक शशि शेखर पाण्डेय ने बताया कि बढ़ती तकनीक के दौर में ग्राहकों को सर्तकता बरतना जरूरी है. अगर सतर्कता नहीं बरती जाय तो साइबर ठगी से जिन्दगी भर की कमाई सेकेंडों में खाते से खंगाल लेता है. इसके लिए जरूरी है कि अपने पासवर्ड को अपने तक पूर्ण सुरक्षित रखें. अनचाहे लिंक पर प्रलोभन में अपने आधार कार्ड नंबर, एटीएम कार्ड सम्बन्धी जानकारी कभी भी साझा न करें. अपने पहले वाले पासवर्ड को तुरंत चेन्ज कर लें.

तथा बीच-बीच में याद रखते हुए बदलते रहें. पासवर्ड का बटन दबाते समय अगल-बगल के नजरों के साथ-साथ फोटो रेकर्डिंग से भी सतर्क रहें. एटीएम से पैसा निकालते समय कैन्सीलेसन बटन दबाने के बाद ही अपने नम्बर को प्रेस करें. किसी जान या अनजान नंबर से कैसी भी सूचना मिलने पर अपने खाता सम्बन्धी जानकारी किसी भी रूप में न दें. सारी सावधानियों के बावजूद भी असावधानी वश अगर साइबर क्राइम के शिकार हो ही जाते हैं तो अविलम्ब 1930 नम्बर पर फोन करते हुए तुरंत अपनी शाखा को इसकी खबर करें.

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