बिहार

Patna में हर पांचवां चालक बगैर लाइसेंस के चला रहा व्यावसायिक वाहन

Admindelhi1
27 July 2024 7:14 AM GMT
Patna में हर पांचवां चालक बगैर लाइसेंस के चला रहा व्यावसायिक वाहन
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वाहनों के परिचालन के लिए निर्धारित लाइसेंस का उपयोग भी नहीं किया जाता है.

पटना: सूबे में हर 5वां व्यावसायिक वाहन चालक बगैर उपयुक्त लाइसेंस के गाड़ी चला रहा है. हर वें वाहन चालक बगैर किसी लाइसेंस के गाड़ी चला रहा है. यही नहीं, हर छठा वाहन चालक नाबालिग है. पिछले दिनों परिवहन विभाग की हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई. यह भी पता चला है कि वाहनों के परिचालन के लिए निर्धारित लाइसेंस का उपयोग भी नहीं किया जाता है.

इस समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि राज्य में 20 फीसदी चालक बिना कॉमर्शियल लाइसेंस के गाड़ी चला रहे हैं. नाबालिग वाहन चालकों की संख्या भी 17 प्रतिशत से अधिक है. बिना लाइसेंस के भी गाड़ी चलाने वालों की संख्या अब भी नौ प्रतिशत है, जिसमें हर उम्र के लोग शामिल हैं.

जुर्माने का प्रावधान:

● बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर दो से पांच हजार के जुर्माने का प्रावधान है.

● व्यावसायिक वाहन चलाते पकड़े जाने पर पांच हजार जुर्माना. गाड़ी जब्त हो सकती है.

● नाबालिग चालक पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का प्रावधान है.

● गाड़ी का निबंधन रद्द करने के साथ नाबालिग के अभिभावक के खिलाफ कार्रवाई संभव.

● वहीं 25 हजार रुपया जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

ऐसे जारी होते हैं लाइसेंस

● व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है. इसमें भारी वाहन, मध्यम वाहन और छोटे मालवाहक वाहनों के लिए अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस का प्रावधान है. इस ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया बाकी लाइसेंस से अलग है.

● परिवहन विभाग नियम के अनुसार वाहन चालकों के लिए प्रशिक्षु (लर्नर), स्थायी, व्यावसायिक और अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट बनाया जाता है.

● परेशानी यह कि अधिसंख्य लोग स्थायी लाइसेंस लेने के बाद ही व्यावसायिक वाहन चलाने लगते हैं. यह नियम के विरुद्ध है. ऐसा वे किसी सूरत में नहीं कर सकते हैं.

तेज वाहन चलाने और ओवरटेक करने में नाबालिग सबसे आगे

स्थायी लाइसेंस लेकर व्यावसायिक वाहन चलाने वाले लोग कभी-कभी भारी वाहन भी चलाने लगते हैं. जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं हैं. हालांकि, वे लंबी दूरी के टैक्सी व अन्य व्यावसायिक वाहन आराम से चलाते है. समीक्षा बैठक में जो बात सामने आई उसके मुताबिक, नाबालिग चालक सबसे अधिक तेज गति से वाहन चलाते हैं और ओवरटेक करते हैं. लगभग 14 प्रतिशत से अधिक दुर्घटनाओं में इन दोनों चालकों की सहभागिता रहती है.

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