छपरा: एक तरफ सरकार गरीबों की सहायता के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाती हैं और दूसरी ओर अधिकारी और कर्मचारी उन योजनाओं में ''पलीता'' लगाते हैं। यह विडंबना नहीं तो क्या है कि सरकार ने गरीब परिवार के किसी व्यक्ति की मृत्यु पर आपदा सहायता राशि देने की नीति बनाई है और वह देती भी है लेकिन कई मामले ऐसे भी हैं कि मृतक के आश्रित कार्यालय का लगातार चक्कर लगा रहे हैं और आपदा के बाद ''व्यवस्था की विपदा'' से उनको सामना करना पड़ता है। जी हां, एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार जिले के मशरक थाना क्षेत्र के पंचखंडा निवासी ओशियर मांझी की मृत्यु 22 जुलाई 2021 को सूअर चराने के क्रम में हो गई। वह अपने पशु को चरा रहे थे। इसी क्रम में पानी में डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक की पत्नी मंजू देवी ने सरकार द्वारा निर्धारित आपदा राशि पाने के लिए सभी तरह के कागजात तैयार किया। उसके लिए उनको काफी परेशानी उठानी पड़ी। सभी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मशरक अंचल कार्यालय में उन्होंने अपना आवेदन दिया।
उसके बाद से अंचल कार्यालय से उनको ''दौड़ाने'' का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह आज तक जारी है। अंचल कार्यालय से जिला आपदा कार्यालय की वह लगातार चक्कर लगा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सबसे बड़ी बात कि जिलाधिकारी के जनता दरबार में भी मंजू देवी ने 14 जुलाई 2023 को अपनी पीड़ा रखी थी। लेकिन अभी तक उन्हें राशि नहीं मिली है। मंजू देवी ने अपनी इस परेशानी के लिए अंचल कार्यालय को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा है कि वहां कोई सुनने वाला है ही नहीं। जब इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो सका।