भागलपुर न्यूज़: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 33 में जलापूर्ति संकट बरकरार है. यह वार्ड निगम का सबसे बड़ा है. बरहपुरा, सच्चिदानंद नगर, प्राणवति लेन, नीलकंठ नगर आदि मोहल्ले में सघन आबादी है. हथिया नाला नीलकंठ नगर और बरहपुरा को अलग करता है. बरहपुरा, सच्चिदानंद नगर व प्राणवति लेन में मुख्यमंत्री सात निश्चिय योजना-2 से जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है. लेकिन नीलकंठ नगर में यह योजना अब तक अमल में नहीं आया है. दो दशक बाद भी नीलकंठ नगर में करीब 500 घरों में जलापूर्ति नहीं हुई है. यहां तपिश बढ़ते ही त्राहिमाम की स्थिति बन जाती है. कमोबेश सभी घरों में हैंडपंप व डीप बोरिंग है. फिर भी कई लोगों के चापाकल हरेक साल सूख जाते हैं. वार्ड के लोगों ने दर्जनों बार निगम में इस बाबत शिकायत की लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ.
क्या कहते हैं मोहल्ले के बाशिंदे मोहल्ले के राजीव कुमार बताते हैं, इस क्षेत्र में 150 फीट में पानी उपलब्ध है. लेकिन तापमान बढ़ते ही जलस्तर नीचे चला जाता है. इसलिए नये बनने वाले मकान की डीप बोरिंग 350-400 फीट तक हो रही है. डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस मोहल्ले में अब तक शुद्ध पेयजल के लिए पाइप नहीं बिछाई गई है. जबकि शहरी क्षेत्र के लगभग तमाम मोहल्ले में पानी भी आने लगा है. यहां सर्वेयर आया था. लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. गृहिणी नीलू सिंह बताती हैं, पिछले साल कई घरों में चापाकल सूख गये थे. उन लोगों ने महिलाओं को नहाने आदि की मदद की. अधिक गर्मी होने पर मोटर से पानी कम आने लगता है. सीमा सिंह बताती हैं, वार्ड 33 में दोहरा व्यवहार किया जा रहा है. बरहपुरा में घर-घर पाइप पहुंचाई गई है. लेकिन यहां ऐसा नहीं है. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि दो साल पहले चापाकल सूख गया था. काफी दूर से पानी लाना पड़ता था. निगम में कई बार शिकायत की. अंत में 350 फीट गहरा बोरिंग कराना पड़ा.