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नटवरलाल की कहानी आपने जरूर सुनी होगी. देश का सबसे बड़ा ठग जिसने ताजमहल से लेकर राष्ट्रपति भवन तक सभी को बेच दिया था. अब बिहार में भी एक नटवरलाल है, जिसने सरकारी स्कूल को ही बेच दिया. बिहार की शिक्षा व्यवस्था अक्सर सुर्खियों में रहती है. कहीं स्कूल नहीं तो कहीं शिक्षकों की कमी, लेकिन इस बार शिक्षा पर सवाल नहीं उठा है बल्कि शिक्षा के मंदिर को ही बेच दिया गया है. सही पढ़ा आपने बिहार में एक सरकारी स्कूल को अवैध तरीके से बेच दिया गया.
अधर में लटका 400 छात्रों का भविष्य
हैरान कर देने वाला ये मामला मुजफ्फरपुर जिले के मिनापुर प्रखंड के मझौलिया पंचायत का है, जहां राजकीय मध्य विद्यालय भ्रांडा उर्दू को अवैध तरीके से ना सिर्फ बेच दिया गया. बल्कि अब जमीन को खरीदने वाले स्कूल में किसी तरह का निर्माण कार्य भी नहीं करने दे रहे हैं. इस स्कूल में 8वीं तक के करीब 400 बच्चे पढ़ते हैं, जिनका भविष्य अब अधर में लटका है. दरअसल राम किशोर दास की जमीन पर सरकारी स्कूल बना था. राम किशोर दास ने आदम खान को अपनी जमीन बेच दी. राम किशोर ने जब जमीन बेचा तब ये नहीं बताया कि जमीन पर स्कूल है. ऐसे में अब आदम खान स्कूल में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होने दे रहा है. स्कूल के मरम्मत के लिए पैसे भी आए लेकिन वो भी वापस कर दिया गया.
'नटवरलाल' पर कब होगी कार्रवाई?
सरकारी स्कूल को अवैध तरीके से बेचा गया है इसका खुलासा तब हुआ जब स्कूल में हो रहे निर्माण को आदम खान ने रोक दिया. जिसके बाद मुखिया ने खोज बीन की तो पता चला कि राम किशोर दास ने अपनी जमीन के साथ ही सरकारी स्कूल को भी अवैध तरीके से बेच दिया. अब स्कूल के साथ ही बच्चों के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है. बहरहाल, जरूरत है मामले को अधिकारी संज्ञान में ले और जल्द से जल्द जांच करे, जिससे अवैध तरीके से जमीन बेचने वालों पर कार्रवाई हो सके ताकि गांव के बच्चों से शिक्षा का अधिकारी ना छिने.
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