बिहार

बाढ़ के बाद पूर्णिया में कटाव का कहर, 20 से अधिक घर महानंदा में विलीन

Renuka Sahu
19 Jun 2022 6:13 AM GMT
Erosion havoc in Purnia after floods, more than 20 houses merged in Mahananda, Bihar Latest News, Bihar News,
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फाइल फोटो 

बिहार में बाढ़ का का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। पूर्णिया के बैसा प्रखंड के शर्माटोली में गुरुवार की देर रात से महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से एक बार फिर से कटाव तेज हो गया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में बाढ़ का का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। पूर्णिया के बैसा प्रखंड के शर्माटोली में गुरुवार की देर रात से महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से एक बार फिर से कटाव तेज हो गया। महज 12 से 14 घंटों के भीतर 40 फीट का कटाव हो चुका है। कटाव से 20 से अधिक घर नदी में विलीन हो चुके हैं। वही दर्जनों परिवार भीषण कटाव को देखकर न चाहते हुए अपने हाथों से घर को तोड़ रहे हैं।

गुरुवार की देर रात से शुरू हुए भीषण कटाव का कहर जारी है। शनिवार को प्रखण्ड प्रमुख शमीम अख्तर ऊर्फ लालबाबू ,राजस्व अधिकारी आकाशदीप सिंहा ने संयुक्त रूप से कटाव स्थल का निरीक्षण कर कटाव प्रभावित परिवारों से बातचीत की। मौके पर मौजूद प्रखण्ड प्रमुख सहित जिला परिषद सदस्य असरारुल हक एवं पंचायत मुखिया प्रतिनिधि मो. हासीम ने हो रहे नदी कटाव को लेकर विभाग व प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर काम देर करती है जिसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिलता है। इसके कारण कभी-कभी लोगों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
इस बार भी प्रशासन व संबंधित विभाग की सुस्ती के कारण दर्जनों परिवार भीषण कटाव से प्रभावित हो रहे है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते एक माह पूर्व ही नदी कटाव निरोधक कार्य पूरा कर लिया जाता तो आज स्थिति इतनी भयावह नहीं होती। आज जो स्थिति है उससे तो यही लगता है कि इस बार शर्माटोली का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने अंचल प्रशासन से इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए नदी कटाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित आश्रय में आश्रय देने व उसके खाने पीने आदि की समुचित व्यवस्था की की है।
पंचायत समिति सदस्या का घर नदी में विलीन
महानंदा नदी के किनारे बसे कंफलिया पंचायत के शर्माटोली में गुरुवार की देर रात से शुरू हुए कटाव की जद में छह से अधिक परिवारों के घर नदी में विलीन हो चुके हैं। इस नदी कटाव में पंचायत समिति सदस्या किरण कुमारी के तीन घरों के साथ-साथ छह परिवारों के 20 से अधिक घर नदी में विलीन हो गए हैं। शुक्रवार की देर रात करीब 11 बजे कटाव इनके घरों तक पहुंच गया। आनन फानन में घरों ने सामानों को तो निकाल लिया पर घर नहीं बचा सके। कटाव इतना तेज है जिसे देखकर अब लोग न चाहते हुए अपने बचे घर को तोड़ रहे हैं। इनमे से कुछ तो आसपास रिश्तेदारों के यहां तो कुछ पास के प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर में आश्रय लिए हुए हैं। उन्होंने अंचल प्रशासन का ध्यान दिलाते जल्द से जल्द इस दिशा में कटाव प्रभावित परिवारों के लिए सरकारी स्तर पर सहायता की मांग की है।
किया जा रहा है सर्वे, जल्द मिलेगी मदद
शनिवार को कटाव स्थल पर प्रखण्ड प्रमुख के साथ पहुंचे राजस्व अधिकारी आकाशदीप सिन्हा ने कटाव प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए बताया कि प्रशासन नदी कटाव प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर रही है। इस निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कटाव प्रभावित परिवारों के सूची तैयार की है। उन्हें सरकारी स्तर पर हरसंभव मदद दी जाएगी।
परमान नदी के जलस्तर में भी वृद्धि
कई दिनों से हो रही बारिश से अररिया जिले के सिकटी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है एवं नीचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया। वहीं परमान नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। परमान नदी अनुमंडल क्षेत्र में खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है हालांकि शनिवार की शाम 6:00 बजे से जलस्तर में कमी शुरू हो गई है। महानंदा एवं कनकई नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। जिससे क्षेत्र में बायसी अनुमंडल क्षेत्र के नीचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
सीडब्ल्यूसी के अधिकारी लक्ष्मी नारायण उरांव ने बताया कि महानंदा का डेंजर लेवल तैयबपुर में 66.000 है वही महानंदा 65.500 पर बह रही है। जबकि डेगराह घाट में महानंदा डेंजर लेवल 35.240 है और शुक्रवार की शाम 35.390 मीटर पर बह रही थी। चरघरिया में कनकई नदी का डेंजर लेवल 46.940 मीटर पर है जबकि शनिवार की शाम छह बजे 46.220 मीटर पर बह रही थी। अररिया में परमान नदी का डेंजर लेवल 47.000 मीटर है और शाम के छह बजे 46.140 मीटर पर बह रही थी। यहां जलस्तर में कमी जारी है। बता दें कि महानंदा नदी का जलस्तर स्थिर है जबकि कनकई एवं परमाण नदी के जल स्तर में वृद्धि जारी देखी गई।
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