बिहार

MVI अधिकारी और CO के ठिकानों पर EOU ने मारा छापा, करोड़ों की हुई खुलासा

Kunti Dhruw
21 Dec 2021 6:43 PM GMT
MVI अधिकारी और CO के ठिकानों पर EOU ने मारा छापा, करोड़ों की हुई खुलासा
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आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बालू माफियाओं से साठगांठ कर अवैध वसूली करने वाले पटना (Patna) के तत्कालीन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) मृत्युंजय कुमार सिंह और बिक्रम के तत्कालीन सीओ वकील प्रसाद सिंह के बिहार से लेकर झारखंड (Jharkhand) तक के कई ठिकानों पर छापेमारी (Raid) की है.

पटना. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बालू माफियाओं से साठगांठ कर अवैध वसूली करने वाले पटना (Patna) के तत्कालीन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) मृत्युंजय कुमार सिंह और बिक्रम के तत्कालीन सीओ वकील प्रसाद सिंह के बिहार से लेकर झारखंड (Jharkhand) तक के कई ठिकानों पर छापेमारी (Raid) की है. रेड में MVI के पास आय से 531 प्रतिशत अधिक और तत्कालीन सीओ के पास आय से 84 प्रतिशत अधिक की संपत्ति का पता चला है. बालू माफिया (Sand Mafia) से मिलीभगत कर अवैध वसूली (Extortion) करने वाले लोक सेवकों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई लगातार कार्रवाई कर रही है.

इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि हम प्रत्येक कार्रवाई की समीक्षा करते हैं और आगे का निर्देश देते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को ईओयू की टीम ने बिहार से लेकर झारखंड तक रेड किया है. पटना के तत्कालीन MVI अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह के पटना के गोला रोड स्थित आर के सदन अपार्टमेंट और औरंगाबाद के गोह स्थित गोलापर पैतृक निवास के साथ-साथ झारखंड की राजधानी रांची स्थित उनके साले के दो अपार्टमेंट में एक साथ छापा मारा गया. इस कार्रवाई के दौरान तत्कालीन MVI अधिकारी मृत्युंजय सिंह के पास आय से अधिक 531 प्रतिशत अवैध संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और समान मिले हैं.
इधर, ईओयू की दूसरी टीम ने बिक्रम के तत्कालीन सीओ वकील प्रसाद सिंह के पटना एवं रोहतास स्थित ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें उनके पास से आय से 84 प्रतिशत अधिक अवैध संपत्ति के सबूत मिले हैं. आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खां के आदेश पर आर्थिक अपराध इकाई की आठ टीमों ने एक साथ इन दोनों अधिकारियों के ठिकानों पर रेड डालकर इनके द्वारा भ्रष्टाचार से अर्जित की गई संपत्तियों का पता लगाया गया है. बता दें कि इससे पूर्व बालू माफियाओं से जुड़े IPS, DSP, SDO, DTO, SHO के दर्जनों के ठिकाने पर छापेमारी की गई थी.


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