भागलपुर न्यूज़: फुटकर दवा कारोबारी भले ही दो हजार के गुलाबी नोट को देखने को तरस गये हों, लेकिन दवा के थोक कारोबार में गुलाबी नोट की इंट्री हो चुकी है. दो हजार रुपये के नोट को रिजर्व बैंक द्वारा आगामी दिनों में चलन से बाहर करने संबंधी निर्देश के बाद गुलाबी नोट की जबरदस्त आवक से दवा के कारोबारी भी हतप्रभ हैं.
दवा कारोबारियों को इस बात की अब चिंता सताने लगी है कि दवा कारोबार के बदले मिले दो हजार रुपये के नोट को बैंक में जमा करते वक्त कहीं वे आयकर की रडार पर न आ जायें. भागलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत लाल ठाकुर बताते हैं कि भागलपुर की दवा की थोक मंडी में हर रोज औसतन पांच करोड़ रुपये की दवा बिक जाती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी निर्देश के बाद कि दो हजार रुपये चलन से बाहर नहीं रहेंगे और सितंबर तक बैंक के जरिये दो हजार रुपये के नोट बदले जा सकेंगे. सिर्फ दो दिन यानी एवं हुए दवा कारोबार में करीब 30 लाख रुपये के गुलाबी नोट इस्तेमाल हो गये.
दो हजार रुपये के नोट से पुराना बकाया भी खत्म कर दिया
भागलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी प्रदीप जैन बताते हैं कि कई महीनों से दो हजार रुपये के नोट देखने को ही नहीं मिलते थे. लेकिन इन दो दिनों में दवा के थोक कारोबार में दो हजार रुपये का इस्तेमाल ठीक-ठाक ढंग से हुआ. कई दवा के कारोबारियों ने तो अपना पुराना बकाया भी दो हजार रुपये का नोट देकर चुकता कर दिया. अनुमान है कि करीब 10 से 15 लाख का बकाया जमा हो गया.