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बिहार प्रखंड की सरायपड़ौली पंचायत के पनियाडीह गांव के इंजीनियरिंग के छात्र की असामयिक मौत से परिवार शोक में डूब गया है. यह होनहार छात्र वह सच्चिदानंद पंडित का बड़ा पुत्र देवानंद पंडित था.
तीन दिन पहले 15 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. एंबुलेंस से जैसे हीं पटना से उसका शव गांव पहुंचा कोहराम मच गया. परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. मां राजमती देवी एवं पत्नी निकी देवी दहाड़ मारकर और छाती पीटकर रोने लगी. उनके आंखों के आंसू सुख नहीं रहे थे. आसपास के लोग व महिलाएं परिजनों को सांत्वना देने व ढांढ़स बंधाने में जुटे थे. इससे पूरा परिवार सहित पूरा गांव शोक में डूब गया है.परिजनों ने बताया कि वह डीबीटी नामक बीमारी से पीड़ित था.
उसका इलाज पटना के एनएसएमसीएच बिहटा में चल रहा था. इलाज के दौरान हीं उसकी मौत हो गई. वह आईआईटी पटना से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहा था. साथ हीं उसने 66 वीं बीपीएससी की मेंस परीक्षा पास कर चुका था, केवल साक्षात्कार बाकी था.
असामयिक मौत से परिवार पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़ इंजीनियर की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. तीन वर्ष पहले ही उसका विवाह हुआ था. उसे दो वर्ष की एक पुत्री है. वह दो भाइयों में सबसे बड़ा था. छोटा भाई प्रेमानंद सीवान में किसी डॉक्टर के यहां रहता है. पिता सच्चिदानंद पंडित केंसर से पीड़ित हैं. परिवार को उससे काफी उम्मीदें थीं. परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं है.
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