बिहार

बाल श्रमिक रखने पर नियोजक को 20 हजार का जुर्माना

Admin Delhi 1
11 July 2023 12:50 PM GMT
बाल श्रमिक रखने पर नियोजक को 20 हजार का जुर्माना
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मधुबनी न्यूज़: डीएम अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन को जिला टास्क फोर्स की आयोजित बैठक में राज्य कार्य योजना के अनुसार दायित्व निर्वहन का निर्देश दिया गया.

बैठक में श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि धावा दल के द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 22 बाल श्रमिकों को विमुक्त करवाया गया. जबकि, इस वित्तीय वर्ष में अभी तक धावा दल के द्वारा 21 बाल श्रमिकों को विमुक्त करवाया गया है. डीएम ने श्रम अधीक्षक को पिछले दो वित्तीय वर्षों में विमुक्त 43 बाल श्रमिकों की सूची सभी संबंधित पदाधिकारियों को उपलब्ध कराने का निदेश दिया. सभी विभागों के उपस्थित जिला स्तरीय पदाधिकारियों को राज्य कार्य योजना 2017 के आलोक में अपने विभाग की योजनाओं एवं कार्यों से विमुक्त बाल श्रमिकों और उनके परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर तीन महीने के अंदर आच्छादित करने का निदेश दिया गया. ताकि, वे बच्चे पुन बाल श्रम की दिशा में नहीं जाएं. उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन महीने के पश्चात पुन उनके द्वारा विमुक्त बाल श्रमिकों एवं उनके परिवार के पुनर्वास के संबंध में समीक्षा की जाएगी.

बाल श्रमिकों को दी जा रही सहायता

श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता राशि के रूप में तीन हजार रुपया तथा माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से पच्चीस हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है. जिसे उनके 18 वर्ष की आयु पूरी करने की अवधि तक का सावधि जमा कराया जाता है. ताकि, वो उक्त राशि का भविष्य में अपने हित में उपयोग कर सकें .

श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया की एक अप्रैल 2022 से अब तक 23 बाल श्रमिकों को तीन-तीन हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि प्रदान की गई है तथा शेष हेतु आवंटन की मांग की गई है.

जबकि, 15 बाल श्रमिकों को 25000 रुपया मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त हो चुका है तथा पांच बाल श्रमिकों का आवंटन अभी प्राप्त नहीं हुआ है. दो बाल श्रमिकों के लिए आवंटन की मांग की जा रही है. डीएम के द्वारा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को सीएलटीएस पोर्टल पर दर्ज सभी बाल श्रमिकों का पुनर्वास से संबंधित रिपोर्ट तथा एस आई आर रिपोर्ट एक पक्ष के अंदर तैयार कर लेने का निदेश दिया गया. उन्होंने सभी बच्चे को स्कूल में दाखिला दिलाने का आदेश दिया. उन्होंने निर्देश दिया कि यदि किसी बाल श्रमिक का परिवार भूमिहीन है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर अभियान बसेरा के तहत अपर समाहर्ता जमीन उपलब्ध करवाएंगे तथा मकान की आवश्यकता होने पर उप विकास आयुक्त इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे परिवारों को चिन्हित कर आवास दिलवाना सुनिश्चित करेंगे. बैठक में डीडीसी विशाल राज, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, नोडल पदाधिकारी सह मुख्यालय डीएसपी प्रभाकर तिवारी, डीपीआरओ शैलेन्द्र कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई प्रभारी साहेब रसूल और अन्य थे.

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