सिवान न्यूज़: सदर अस्पताल में अब किट के बदले एलिसा टेस्ट शुरू हो गई है. एलिसा टेस्ट रिपोर्ट के कारण डोनेट ब्लड की गुणवत्ता पहले की अपेक्षा काफी हद तक बढ़ गयी है.
बताया जाता है कि अब किसी तरह का संक्रमित व्यक्ति का ब्लड बैंक में ब्लड नहीं लिया जा सकता है और न ही उसे किसी जरुरतमंद को ही दिया जा सकता है. इस तरह ब्लड के जरुरतमंद मरीज के संक्रमित होने का खतरा भी कम हो गया है. गौरतलब है कि पहले ब्लड डोनेट करने से पहले ब्लड दाता की जांच किट के माध्यम से की जाती थी. किट जांच में कई बार संक्रमण की जानकारी सामने नहीं आ पाती थी, जिससे ब्लड लेने वालों को भी संक्रमित होने की संभावना बनी रहती थी.
प्रतिदिन औसतन 30 लोग करते हैं ब्लड डोनेट ब्लड बैंक से जुड़े नागेंद्र पड़ित ने बताया कि सदर अस्पताल में इलाज को लेकर प्रतिदिन सैंकड़ों मरीजों का आना होता है. इनमें से औसतन तीस मरीजों को ब्लड की जरूरत होती है. ब्लड जरुरत वाले मरीजों में प्राइवेट अस्पतालों के मरीज भी शामिल हैं. हालांकि, कभी-कभी इनकी संख्या बढ़कर चालीस से भी अधिक हो जाती है.
पहले से बेहतर ढ़ंग से संचालित हो रहा है ब्लड बैंक मिली जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल के ब्लड बैंक की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. पहले की अपेक्षा बेहतर ढंग से इसका संचालन किया जा रहा है. ब्लड बैंक में सभी ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है. ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर कैंप भी लगाया जा रहा है. वहीं इसकी जानकारी दे दी गई है.