नालंदा न्यूज़: ऐतिहासिक नगरी राजगीर में 18 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला लग रहा है. देश के कोने-कोने से एक माह तक यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा. श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन जुटा है.
24 घंटे बिना रुकावट कुंड और मेला क्षेत्र में बिजली बहाल रखने का मुकम्मल इंतजाम किया जा रहा है. खास यह कि एक नहीं, दो फीडरों से मेला क्षेत्र को जोड़ा गया है. ताकि, एक फीडर में किसी वजह से तकनीकी खामियां आती हैं तो दूसरे फीडर से बिना किसी देरी के निर्बाध बिजली मिल सके.
मेला में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए 200 केवी के चार अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाये गये हैं. सुरक्षा को लेकर पूरे कुंड और मेला क्षेत्र के ओपेन और लुंज-पुंज तारों को हटाकर कवर्ड वायर लगाया गया है. पोलों पर लगे पुराने डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स की जगह नया लगाया गया है. कुंड और मेला थाना में नियंत्रण कक्ष बनाये गये हैं. यहां तीन शिफ्टों में बिजली कंपनी के पदाधिकारी व कर्मी तैनात किये जाएंगे.
लोहे के पोलों पर डायइलेक्ट्रिक पेंट कुंड और मेला क्षेत्र के बिजली पोलों पर डायइलेक्ट्रिक पेंट किया गया है. ताकि, कोई व्यक्ति गलती से पोल को छू ले तो करंट की चपेट न आए. खास यह कि बिजली विभाग द्वारा मलमाल से दौरान इस नयी तरकीब का पहली बार इस्तेमाल किया है. उद्देश्य है श्रद्धालुओं की बेहतर सुरक्षा. करीब 40 आयरन पोलों में सतह से सात फीट की ऊंचाई तक पेंट का इस्तेमाल किया गया है. इसकी खासियत यह कि अच्छी तरह से आयरन के खंभों पर लगा देने से बिजली के झटके नहीं लगते हैं. हालांकि, पेंट करते समय सावधानियां भी बरतनी होती है. पहले प्राइमर लगाया जाता है. 10 से 12 घंटे के बाद पेंट लगाया जाता है. एक बार लगा देने पर एक साल तक इससे सुरक्षा होती है. बाजार में इसकी कीमत भी अधिक है.