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खगड़िया: जिला में एक बंदर की मौत चर्चा का विषय बन गई है। इस मौत ने इंसान और जानवरों के बीच अनकहे रिश्ते को भी बखूबी बयां किया है। समाजसेवी व वन्यजीव प्रेमियों ने एक अनोखी मिसाल दी है। इंसानियत और मानवता की अनूठी मिसालल पेश की है। मामला सदर प्रखंड के उत्तर माड़र पंचायत के बलौर गॉव की है। जहां गुरुवार को एक बंदर की करेंट लगने से मौत हो गई। देर शाम हिंदू रीति रिवाज के साथ बंदर की मुंगेर गंगा घाट पर दाह संस्कार किया। इस मौत के बाद गांव वालों ने जो किया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर बलौर गॉव में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से बंदर की मौत हो गई। मौत की सूचना गॉव में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने गॉव में चंदा इकट्ठा कर इंसान की मौत की तरह अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया।
एक माह से गांव को बनाया था अपना डेरा, बंदर बच्चों के साथ करते थे मस्ती
बंदर बलौर गॉव में बीते एक माह से अपना डेरा बनाया था। बंदर बच्चा या बूढ़ा सभी लोग खूब मनोरंजन करते थे। ग्रामीण खाना-पीना देते थे। जिसके कारण गॉव से जाना नहीं जाता था। ग्रामीण बंदर को हनुमान का अवतार बताकर सेवा करते थे। जैसे ही बंदर की करेंट से मौत की सूचना मिला तो बच्चे व ग्रामीणों की बीच शोक की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों की आंखे नम हो गई। ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर के समीप ट्रांसफॉर्मर था,उसी पर बंदर कूद गया। जिसके कारण घटना हुआ।
इंसानों की तरह किया अंतिम संस्कार और होगा हुआ कार्यक्रम
ग्रामीण भोला मंडल, ओमप्रकाश शर्मा, रामदेव यादव, राम कुमार यादव,राकेश कुमार, धीरेंद्र शर्मा आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस बंदर की इंसान की तरह हिन्दू रीति रिवाज के साथ अन्तिम संस्कार हुआ है। पंडित के अनुसार 3वीं या 6वीं दिन ग्रामीण मुंडन करवाएंगे। साथ ही उसी दिन भोज का आयोजन किया जायेगा। साथ ही बंदर की आत्मा की शांति के लिए रामधुनी यज्ञ का आयोजन किया जायेगा।
Rani Sahu
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