दरभंगा न्यूज़: जल संसाधन व पीआरडी मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय से डीएमसीएच का अस्तित्व बरकरार रह गया. शोभन में भव्य एम्स बनने का रास्ता भी साफ हो गया. एम्स के लिए शोभन में 113 एकड़ जमीन दे दी गई है. इसके अलावा 37 एकड़ जमीन देने के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. बरसात के पूर्व मिट्टी भराई का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
डीएमसीएच की जमीन को लेकर पूर्व के निर्णय को निरस्त किए जाने के बाद श्री झा चिकित्सकों की ओर से आयोजित सम्मान सह धन्यवाद कार्यक्रम के दौरान डीएमसी गेस्ट हाउस में लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने उसका निर्माण दरभंगा में ही कराने का निर्णय ले लिया था. उनका मानना था कि पीएमसीएच के बाद डीएमसीएच सूबे का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान है. इसकी गरिमा को देखते हुए एम्स का निर्माण दरभंगा में कराने का निर्णय लिया गया.
उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी एक संस्थान की गरिमा को समाप्त कर एम्स का निर्माण नहीं कराया गया है. डीएमसीएच की जमीन पर एम्स का निर्माण होने से सूबे के सबसे पुराने मेडिकल संस्थान की गरिमा समाप्त हो जाती. अब शोभन में भव्य एम्स बनेगा. वहां नई टाउनशिप डेवलप होगी. सभी जिलों से मरीजों को वहां पहुंचने में सुविधा होगी. शहर के बीचोबीच एम्स का निर्माण होने से यातायात के अलावा कई समस्याएं खड़ी हो सकती थीं. मंत्री श्री झा ने कहा कि डीएमसीएच की खाली कराई गई जमीन पर नए भवन बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. संस्थान को नया रूप दिया जाएगा. जलजमाव के निदान की दिशा में भी सरकार कदम उठाएगी.
इससे पूर्व लनामि विवि व आर्यभट ज्ञान विवि के पूर्व कुलपति डॉ. समरेंद्र प्रताप सिंह, डीएमसी पूर्वर्ती छात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भारत प्रसाद व पैथोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजीत चौधरी ने संस्थान की गरिमा बरकरार रखने के लिए मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और श्री झा को साधुवाद दिया. इस मौके पर डीएमसी के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा, अधीक्षक डॉ. अलका झा, पूर्व अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा के अलावा डॉ. भोला नायक थे.