रोहतास न्यूज़: जिले में इस बार बारिश नहीं होने के कारण अधिकांश नदियां सूख गई हैं. सोन नद को छोड़कर शेष अन्य नदियों में पिछले दो-ढाई माह से पानी नहीं है. जिससे जिले में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है.
आमलोगों से लेकर जानवरों तक को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. हालत यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों की नदियों में धूल उड़ रहे हैं. मवेशी व जंगली जानवर पानी के लिए उधर-उधर भटक रहे हैं. हालांकि नहरों में पानी छोड़ने के कारण मैदानी भागों में थोड़ी राहत मिली है. लेकिन कैमूर पहाड़ी से सटे प्रखंडों रोहतास, नौहट्टा, चेनारी व शिवसागर के पहाड़ी भागों में जल संकट से लोग जूझ रहे हैं.बताया जाता है कि पहाड़ी भागों में पिछले दो माह से पानी के लिए हाहाकार मचा है. यहां जलस्तर करीब 54 फीट तक नीचे चला गया है. हालत यह है कि जब तक मूसलाधार बारिश नहीं होती, तब तक जलस्तर बढ़ने के दूर-दूर तक आसार नजर नहीं आ रहा है. हालांकि पीएचईडी द्वारा रोहतास प्रखंड की कैमूर पहाड़ी पर स्थित गांवों में तीन टैंकर से पानी आपूर्ति की जा रही है. टैंकर का पानी लोगों को रास नहीं आ रहा है. क्योंकि ज्यादा देर तक टैंकर में पानी रहने से गर्म हो जा रहा है. जो पीने के लायक नहीं रहता है. वहीं मवेशियों के पीने के लिए 10 कैटल ट्रंप लगाया गया है. ताकि मवेशियों व जंगली जानवरों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़े. स्थानीय लोगों ने बताया कि कैमूर पहाड़ी के गांवों में 10 कैटल से जानवरों के प्यास नहीं बूझ रहे हैं. कैमूर पहाड़ी का क्षेत्रफल काफी दूरी तक है. पहाड़ी पर पशुओं के साथ बड़ी तादात में जंगली जानवर रहते हैं. ऐसे में उन्हें पानी के लिए मैदानी भागों में शरण लेना पड़ रहा है.
जिले की किसी भी भाग में पेयजल संकट नहीं है. जिस क्षेत्र में पानी की समस्या है, वहां पर टैंकर से पेयजलापूर्ति करायी जा रही है. कैमूर पहाड़ी के कुछ गांवों में जलसंकट है. जहां से शिकायतें मिलती है, पानी उपलब्ध कराया जाता है.
-शामी अख्तर, ईई, पीएचईडी. रोहतास