बिहार

सरकारी कार्यालयों की लचर से चार प्रखंडों के पीड़ितों को नहीं मिली मदद

Admindelhi1
25 April 2024 5:53 AM GMT
सरकारी कार्यालयों की लचर से चार प्रखंडों के पीड़ितों को नहीं मिली मदद
x
प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मरहम लगाने के बदले उनको अनुदान के लिए बेवजह इंतजार करा रहे हैं

नालंदा: सरकारी कार्यालयों की लचर कार्यशैली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अनुदान की राशि होने के बावजूद चार साल से पीड़ित के आश्रित प्रखंड स्तरीय कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. पीड़ित परिजन इस टेबल से उस टेबल तक भटक रहे हैं. प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मरहम लगाने के बदले उनको अनुदान के लिए बेवजह इंतजार करा रहे हैं.

मालूम हो कि सकरा, मुरौल, बोचहां और मुशहरी प्रखंड में आपदा कोष में पूर्व से 276 लाख से अधिक की राशि उपलब्ध है. वर्तमान में भी आपदा विभाग ने 64.04 लाख रुपये दिये हैं. कुल 341 लाख रुपये आपदा कोष में होने के बावजूद इन चारों प्रखंडों के मृतकों के आश्रितों को अबतक मुआवजा नहीं मिला है.

जिला आपदा कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 मई 21 को अहियापुर के रसलपुर सालिम निवासी अजीत कुमार की मौत सड़क दुर्घटना में हो गयी थी. परिजनों के बयान पर केस अहियापुर थाने में दर्ज कराया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बावजूद अबतक पीड़ित के परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं मिल सकी है. ऐसे ही अखाड़ाघाट स्थित बूढ़ी गंडक नदी में डूबने से कर्पूरी नगर के रोहित कुमार की मौत हो गई थी. इसके अलावा ब्रह्मपुरा के अभिषेक कुमार सोनी और अहियापुर के सहबाजपुर के जयकाशी कुमार की मौत नदी में डूबने से हो गई थी. इन सभी के आश्रित अब तक सरकारी अनुदान का इंतजार कर रहे हैं. पदाधिकारियों का कहना है कि सत्यापन की प्रक्रिया की जा रही है. इसके पूरा होने के बाद मुआवजे की राशि दे दी जाएगी.

आवंटन की प्रखंडवार स्थिति:

प्रखंड पूर्व आवंटन वर्तमान आवंटन कुल आवंटन

मुशहरी 140.34 .00 6.34

मुरौल 24.00 08.04 32.04

सकरा 40.04 12.00 52.04

बोचहां 72.00 28.00 100.00

कुल 276.38 64.04 340.42

Next Story