छपरा न्यूज़: बिहार के सभी जिलों में स्थित जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्रों में कार्यरत एकल खिड़की संचालक एवं बहुउद्देश्यीय सहायक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 14 मार्च से चार दिवसीय हड़ताल पर चले गये. ये कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगे हैं और लोगों के सपनों को रंग दे रहे हैं. जिससे बिहार के युवाओं और महिलाओं को उड़ान भरने की ताकत मिल रही है.
पहले बिहार के गरीब माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन पैसे की कमी के कारण उनके सपने चकनाचूर हो गए, लेकिन जब से बिहार को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से कर्ज मिलने लगा, उनके सपने सच होने लगे, लेकिन महत्वाकांक्षी मुखिया मंत्री जी जो योजना को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं उनका भविष्य अधर में है और हमेशा असुरक्षा की भावना से ग्रस्त रहते हैं। कम वेतन पर बहाल इन कर्मियों का 2021 में एकमुश्त तबादला कर दिया गया, जिसमें ज्यादातर कर्मियों का तबादला घर से दो सौ से चार सौ किलोमीटर दूर कर दिया गया, जिससे परिवार और कार्यालय में सामंजस्य बिठाना मुश्किल हो रहा है. इसलिए स्थानांतरण गृह जिले के पास किया जाए।