बिहार
डीपीओ की कार्रवाई से फर्जी प्रमाणपत्र पर चयन सेविकाओ में मचा हड़कंप
Gulabi Jagat
28 Oct 2022 5:23 AM GMT
x
मोतिहारी. आईसीडीएस डीपीओ ने बड़ी कार्रवाई की है। फर्जी प्रमाणपत्र पर चयनित तीन आंगनबाड़ी सेविका को चयनमुक्त करते हुए राशि रिकवरी का आदेश दिया है। वहीं 5 दिनों के अंदर दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थी को चयनपत्र देने का निर्देश सीडीपीओ को दिया है। डीपीओ ने अरेराज परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 164 व 165 व चिरैया परियोजना केंद्र संख्या 296 की सेविका को चयनमुक्त किया है।
डीपीओ की कार्रवाई से फर्जी प्रमाणपत्र पर चयन सेविकाओ में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं अरेराज परियोजना में नगदहा में एक सेविका का प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाए जाने के बाद भी पदाधिकारी के मेहवानी से सेविका अभी भी कार्यरत है। लोक जन शिकायत न्यायालय के आदेश के बाद भी मोटी रकम लेनदेन के बल पर फर्जी प्रमाणपत्र मिलने के बाद भी चार माह से सेविका पोषाहार व मानदेय की राशि का उठाव कर रही है।
मोतिहारी आईसीडीएस डीपीओ शशिकांत ने फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्यरत तीन आंगनबाड़ी सेविका को चयनमुक्त करते हुए राशि रिकवरी का आदेश दिया है। डीपीओ ने अरेराज परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 164 सेविका आरती कुमारी,165 की सेविका पूजा कुमारी व चिरैया परियोजना के केंद्र संख्या 296 की सेविका शबनम खातून को फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र मिलने पर चयनमुक्त की कार्रवाई की है। वहीं डीपीओ ने मेघा सूची में दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थी को 5 दिनों के अंदर चयन पत्र देने का आदेश सीडीपीओ को दिया है।
सूत्रों की माने तो आंगनबाड़ी सेविका चयन में कार्यालय कर्मियों व बिचौलिया द्वारा मोटी रकम लेकर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर बड़ा खेल किया गया है। सबसे रोचक बात तो यह है कि तत्कालीन सीडीपीओ द्वारा चयनित प्रमाणपत्र जांच में पैसे के बल पर फर्जी प्रमाणपत्र को भी सही बताया गया था। सीडीपीओ कार्यालय की मिलीभगत से आधा दर्जन से अधिक सेविका चयन में बड़ा खेल से इनकार नही किया जा सकता। सूक्ष्म तरीके से जांच किया जाय तो बड़ा खुलासा से इनकार नही किया जा सकता। डीपीओ की कार्रवाई से फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्यरत सेविकाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
Gulabi Jagat
Next Story