मनरेगा में बढ़ते मनरेगा में बढ़ते बकाये से चरमराई व्यवस्था
पटना न्यूज़: मनरेगा में बकाये का भुगतान नहीं होने से व्यवस्था डगमगाने लगी है. भुगतान नहीं होने के कारण आपूर्ति एजेंसियों और वेंडरों ने पंचायत प्रतिनिधियों को मैटेरियल आपूर्ति करने से हाथ खड़ा कर दिया है. पिछले कई वर्षों के बकाए राशि का भुगतान अभी नहीं हो पाया है, इससे ग्रामीण इलाके में कार्य प्रभावित हो रहा है.
प्रदेश में अभी मनरेगा के तहत अलग-अलग मदों में 1146 करोड़ का भुगतान लंबित है. इन दिनों प्रदेश के सभी जिलों में मनरेगा के तहत पौधरोपण एवं अन्य कार्य हो रहे हैं.
धनरूआ की प्रखंड प्रमुख बबीता देवी एवं इसी प्रखंड की कई मुखिया ने बकाया भुगतान नहीं होने से काम प्रभावित होने की शिकायत जिला प्रशासन से की है. पौधरोपण के लिए गैबियन मिलने में दिक्कत हो रही है. इसके अलावा गौशाला निर्माण, ग्रामीण सड़क निर्माण आदि में परेशानी हो रही है. पिछले दिनों दिशा की बैठक में भी यह सवाल प्रमुखता से उठा था.
बकाये राशि के भुगतान और उपलब्ध राशि के संबंध में ग्रामीण विकास विभाग की बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाईटी की ओर से सात जुलाई 2023 को पत्र जारी किया गया है. पत्र में वर्ष 2015 से 2021 तक किस जिले में कितनी राशि का भुगतान करना है इसका भी जिक्र किया गया है. साथ ही अधिकारियों से इस आशय का भी प्रमाण पत्र भेजने को कहा गया है कि उनके जिले में वर्ष 2019-20 एवं उससे पहले का बकाया है या नहीं. पटना जिले का लगभग 16 करोड़ बकाया है. सबसे अधिक पुनपुन, बख्तियारपुर, मोकामा, पालीगंज, मसौढी और मनेर प्रखंड में अलग-अलग मदों में भुगतान लंबित है.