शादी-विवाह व अन्य जरूरी कार्य को लेकर मजबूर किसान कम कीमतों में बाजार में बेच रहे धान
गया न्यूज़: जिले में किसान अपने खेतों से धान काटने के साथ ही शादी-विवाह, कर्ज उतारने या अन्य जरूरी काम के लिए औने-पौने दाम पर बिचौलिए के हाथ धान बिक्री करने को विवश होते हैं.
किसानों से बिचौलिये धान खरीदकर उसे दूसरे प्रदेशों में बिक्री करते हैं. सरकारी स्तर पर 2040 व विचौलियों के स्तर से 17 सौ से 18 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान की कीमत है. हालांकि धान कटने व खलिहान पहुंचने के प्रारम्भ समय में कम कीमत 16 सौ रुपये क्विंटल तक बिक्री करने को किसान विवश हो जाते हैं. अभी भी काफी धड़ल्ले से जिले के फतेहपुर, वजीरगंज, टनकुप्पा, मानपुर, बेलागंज, कोंच, बाराचट्टी, आमस,शेरघाटी,टिकारी, परैया,गुरारू,गुरुआ आदि प्रखण्ड के बाजारों व दुकानों में बिचौलियों द्वारा धान खरीद कर उसे ट्रकों से बंगाल,झारखण्ड, आंध्रा,पंजाब आदि प्रदेशो में ऊंचे दामो में बिक्री किया जा रहा है. इसके लिए प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.जिले से प्रतिदिन करीब 75 ट्रक से ज्यादा धान की खेप सीमावर्ती प्रदेशो में भेजा जा रहा है.
धान क्रय-बिक्री का विभागीय अधिकारियों का पैनी नजर नहीं रहने से बिचौलिए मनमाने कार्य करते रहते हैं. किसान सस्ते दर पर धान की बिक्री कर देते हैं. अभी सीता धान की कीमत 1850 रुपये प्रति क्विंटल, मंसूरी धान 1710 रुपये प्रति क्विंटल, रुपाली धान 24 10 रुपये प्रति क्विंटल है. जिले में अधिकतर किसान सीता व मंसूरी धान की उपज करते हैं. लेकिन उसी धान से तैयार चावल को दुगने दाम पर खरीद कर सेवन करते हैं. किसान विजय सिंह, मनोज यादव, अर्जुन पांडेय सुभाष सिंह, लप्पू सिंह आदि ने बताया कि खेतो से धान कटने के साथ ही शादी-विवाह के लिए,बकाए चुकाने के लिए, खाद,-बीज लेने के लिए या अन्य जरूरी काम के लिए हम किसान औने-पौने दाम पर खुले व्यापारियो के हाथ धान बिक्री करने को विवश होते है. जिले में सरकारी स्तर पर धान खरीद की प्रक्रिया 15 नवम्बर के बाद ही शुरू होता है. तबतक किसान धान की बिक्री खुले बाजार में तेजी पकड़ लेता है. सरकारी स्तर पर धान की प्रक्रिया काफी टेढ़ी रहने के कारण किसानों को परेशान होना पड़ता है.