बिहार

पांच वर्षों में तीन बार जिले में बनी सूखे की स्थिति

Admin Delhi 1
2 May 2023 2:45 PM GMT
पांच वर्षों में तीन बार जिले में बनी सूखे की स्थिति
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दरभंगा न्यूज़: जलवायु परिवर्तन का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है. इसका असर कृषि के साथ ही आम जनजीवन पर पड़ने लगा है. पिछले पांच सालों की स्थित पर गौर करें तो तीन बार वर्षा की कमी के कारण सूखे के हालात बन गए. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ गया.

वर्ष 2018, 2019 एवं 2022 में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण खेती पर काफी बुरा असर पड़ा. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु सिस्टम में लगातार हो रहे बदलावों के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है. बेमौसम बारिश तथा सामान्य से अधिक तापमान का रहना, ये सिलसिला कई वर्षो से चल रहा है,

जिसका असर सीधा किसानों और आमलोगों पर पड़ रहा है. मौसम विभाग अधिक तापमान, भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी लगातार देता रहा है. साथ-साथ इसके कारण फसलों को नुकसान की चेतावनी भी देता है.

जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही बारिश, आंधी और ओलावृष्टि कृषि क्षेत्र पर बुरा असर डाल रही है. इसके साथ ही वज्रपात की घटनाएं भी बढ़ गई है. पिछले एक साल में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा कम बताया जा रहा है. जिले के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र में ही वज्रपात से दो मौतें हो चुकी हैं. एक घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव में तथा दूसरा अलीनगर प्रखंड के हरिसिंहपुर गांव में. वहीं, किरतपुर में एक महादलित की मौत वज्रपात से हुई थी.

पिछले कुछ वर्षों से बेमौसम वर्षा होने के कारण सरसों, अरहर, चना की फसलों में लगे फूल गिर गए. वहीं, मसूर, अरहर के साथ ही गेंहू की फसलों को भी नुकसान हुआ है. सामान्य से अधिक तापमान रहने से भी फसल पर इसका प्रभाव पड़ता है. मानसून के महीनों में भी खेतों में हरियाली लाने के लिए किसानों को बोरिंग-पंपसेट का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में मूंग, उड़द, सूरजमुखी, मूंगफली, मक्का, चना, भिंडी, खीरा आदि की खेती क्षेत्र में सिमटति जा रही है.

जलवायु परिवर्तन के कारण अब किसानों को ऐसी फसलों का रुख करना पड़ सकता है, जो बेमौसम बारिश की मार को झेलने में सक्षम हों.

-डॉ. गुलाब सिंह, मौसम वैज्ञानिक

पिछले पांच वर्षों में वर्षा की स्थिति

वर्ष वास्तविक सामान्य अंतर

2018 869.8 1234.7 -364.9

2019 1045.4 1234.7 -189.3

2020 1633.2 1234.7 398.5

2021 1883.7 1234.7 649

2022 813.4 1234.7 -421.3

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